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डाक विभाग की मेहरबानी नहीं, फंसे 18 हजार ड्राइविंग लाइसेंस व ऑनरबुक

डाक विभाग की मेहरबानी नहीं, फंसे 18 हजार ड्राइविंग लाइसेंस व ऑनरबुक

– कई लोगों के पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं, तो कुछ नहीं जानते ऑनलाइन डाउनलोडिंग- कार्ड प्रिंट होते ही डिस्पैच का मैसेज, डाक विभाग की इंट्री पर ही हो सकती है ट्रैकिंग

मुजफ्फरपुर.

डाक विभाग के पास लोगों के 18 हजार डीएल व आरसी कार्ड पोस्ट के लिए अटका हुआ है. इसके बाबत वाहन मालिक डीटीओ ऑफिस व पोस्ट ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन उन्हें सही जानकारी नहीं मिल पा रही है कि उन्हें उनका डीएल व आरसी कब मिलेगा? कई वाहन मालिकों को डिजिटल तरीके से डीएल व आरसी मोबाइल में अपलोड करना ही नहीं आता. कइयों के पास एंड्रॉयड फोन तक नहीं हैं. जिला परिवहन कार्यालय के रिकॉर्ड की माने तो उन्होंने डाक विभाग को 12 दिन के भीतर 18 हजार से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) व गाड़ियों की ऑनरबुक (आरसी) पोस्ट करने के लिए भेजा है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जो वाहन मालिक इसके लिए परेशान हैं. बीच में दशहरा से पूर्व करीब दो माह तक कार्ड की प्रिंटिंग का काम सेंट्रलाइज्ड करने को लेकर अटका हुआ था. लेकिन उसमें विलंब होने से कार्ड का बहुत बैकलॉग हो गया. इसके बाद कार्ड की प्रिंटिंग निजी एजेंसी के हाथों में सौंपकर शुरू की गयी. जिला परिवहन कार्यालय में प्रतिदिन तीन हजार के आसपास कार्ड की प्रिंटिंग कर उसे पोस्ट करने के लिए पोस्ट ऑफिस भेजा जा रहा है. लेकिन उस हिसाब से पोस्टिंग का काम नहीं हो रहा है. डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव ने बताया कि सभी बैकलॉग को दूर करने को लेकर तेजी से कार्रवाई की जा रही है. पोस्ट ऑफिस के अधिकारी से बातकर उसे शीघ्र पोस्ट करने को कहा गया है.

जानिये, क्याें आ रही है दिक्कत

डीटीओ ऑफिस में कार्ड के प्रिंट होते ही स्पीड पोस्ट के नंबर के साथ उसका मैसेज वाहन मालिक के मोबाइल पर आता है. लेकिन जब उस स्पीड पोस्ट को डाक ऑफिस द्वारा अपने सिस्टम में इंट्री कर एक्टिवेट किया जाता है तब उसकी ट्रैकिंग वाहन मालिक कर सकते हैं. जब पोस्ट ऑफिस उस लिफाफे को अपने सिस्टम में इंट्री करता है तो एक और मैसेज वाहन मालिक को जाता है जिसके बाद उसकी ट्रैकिंग होने लगती है.वाहन मालिकों को इसकी जानकारी नहीं है जैसे उनके मोबाइल पर कार्ड प्रिंट होने के बाद मैसेज पहुंचता है, उसके 10-15 दिन बाद उन्हें जब डीएल या आरसी नहीं मिलती है तो वह डीटीओ ऑफिस व पोस्ट ऑफिस का चक्कर काटने लगते हैं. पोस्ट ऑफिस जाने पर कहा जाता है कि अभी उनके पास डाक नहीं आयी है. जबकि डीटीओ ऑफिस के रिकॉर्ड की मानें तो करीब 18 हजार से अधिक डीएल व आरसी पोस्ट ऑफिस को भेजा जा चुका है.

इन्होंने की है शिकायत

– सुस्ता के रहने वाले राजदेव कुमार ने बताया कि उन्हें मैसेज आया कि तीन नवंबर को उनका लाइसेंस डिस्पैच हो चुका है. इसके दस दिन बाद जब वह मैसेज लेकर पोस्ट ऑफिस पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि अभी तक उनकी डाक नहीं आयी है. इसके बाद डीटीओ ऑफिस जाकर पता किया तो बताया गया कि पोस्ट ऑफिस को भेज दिया गया है. ऐसे में वाहन मालिक की क्या गलती है.

– औराई के शाही मीनापुर निवासी हिमांशु कुमार को 30 अक्टूबर को मैसेज मिला कि उनका ड्राइविंग लाइसेंस डिस्पैच हो चुका है. उन्होंने अपने ग्रामीण पोस्ट ऑफिस, इसके बाद हेड पोस्ट ऑफिस दोनों जगह चेक किया, लेकिन डाक नहीं मिली तो डीटीओ ऑफिस गये, जहां रिकॉर्ड दिखाकर बताया गया कि डिस्पैच पोस्ट ऑफिस को कर दिया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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