बिहार के 13 जिलों के साढ़े पांच लाख कर्मियों के वेतन का एक हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में शामिल हो रहा है. जिसमें मुजफ्फरपुर के अलावा वैशाली, छपरा, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर व बेगूसराय के कर्मी शामिल हैं. वैसी कर्मचारी जो कंपनियों में कार्यरत हैं या सरकारी विभाग में संविदा पर काम कर रहे हैं. उनके वेतन का एक हिस्सा भविष्य निधि संगठन में जमा हो रहा है. जितना रुपया कर्मचारियों के वेतन से कटता है, उतना ही नियोक्ता कंपनी या सरकारी विभाग जमा कराता है.
जागरूकता के लिए हर महीने लगता है शिविर
कंपनियों के बीच जागरूकता के लिए हर महीने की 27 तारीख को संगठन के द्वारा शिविर लगाया जाता है. जिस कंपनी में 20 कर्मचारी से अधिक कार्यरत हैं, उन्हें अपनी कंपनी का नाम संगठन में रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य है. इसके बाद कर्मियों के वेतन से एक निश्चित अनुपात में राशि संगठन में खुले उनके अकाउंट में जमा होगी.
साढ़े नौ साल पूरा होने पर जारी होता है प्रमाण-पत्र
जिन कर्मियों का किसी कंपनी में साढ़े नौ साल कार्य अवधि होती है, उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन उन्हें प्रमाण पत्र जारी करता है. हालांकि पेंशन की शुरुआत कर्मी के 58 वर्ष उम्र होने के बाद की जाती है. पेंशन कितनी होगी, यह कर्मियों के पीएफ अकाउंट में जमा राशि के हिसाब से निर्धारित होता है. संगठन की ओर से न्यूनतम पेंशन एक हजार है. कर्मचारियों की किसी तरह की समस्या के समाधान के लिए कंपनीबाग स्थित दूरसंचार विभाग परिसर में क्षेत्रीय कार्यालय शिफ्ट हुआ है. यहां आने वाले कर्मियों की समस्याओं का समाधान किया जाता है.
ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया समाप्त, 9200 ऋण के लिए आए 5.41 लाख आवेदन
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय में कर्मियों की समस्याओं के लिए अलग विंग बना हुआ है. यहां पेंशन के अलावा अन्य तरह की तकनीकी समस्या को दूर किया जाता है. जो कर्मी साढ़े नौ साल की अवधि तक किसी कंपनी में काम करते हैं और उनकी उम्र 58 साल हो चुकी है. वे यहां आकर पेंशन के लिए आवेदन दे सकते हैं.
– सतीश चंद्र झा, सहायक निदेशक, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
ये भी देखें: जेल से बाहर आए अनंत सिंह