मुजफ्फरपुर में पिछले दो दिन की तेज गर्मी के कारण बच्चे डायरिया से पीड़ित होने लगे हैं. छह महीने से दो साल तक के बच्चे इस बीमारी से अधिक पीड़ित हो रहे हैं. SKMCH और केजरीवाल अस्पताल में 71 बच्चे भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है. इनमें से अधिकतर बच्चे पिछले दो दिनों में बीमार हुये हैं. गंभीर स्थिति देखते हुये उन्हें अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है. करीब एक सप्ताह पहले बारिश के बाद मौसम में नमी आ गयी थी, लेकिन फिर तेज गर्मी से बच्चे बीमार हो रहे हैं.
डॉक्टर का कहना है वैसे तो डायरिया के कई कारण हैं, लेकिन रोटावायरस इनमें प्रमुख है. गर्मी में इसका संक्रमण बढ़ जाता है, जिससे बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होने लगते हैं. बढ़ती गर्मी और उमस की वजह से बच्चों में कई तरह के संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. गर्मी बढ़ेगी और बारिश भी होगी तो मच्छर मक्खियों का प्रकोप भी बढेगा. साथ ही खान पान की चीजें जल्दी खराब होगी. इससे डायरिया का खतरा और बढ़ेगा. ऐसे मौसम में बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है.
एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी ने कहा कि डायरिया से बचाव के लिये बच्चों को उबला हुआ पानी ठंडा कर पिलायें. बासी खाना नहीं दे. रोज नहलायें और धूप में बाहर नहीं ले जायें. खाने से पहले बच्चों का हाथ साफ कराएं और अपने आसपास की सफाई पर ध्यान रखें.
डिहाइड्रेशन से बच्चों को बचाएं
डॉक्टर कहते हैं कि इन दिनों स्वास्थ्य के साथ की गयी किसी भी तरह की लापरवाही के गंभीर परिणाम हो सकते हैं. दूषित स्थानों पर लगने वाले ठेलों, बासी भोजनों या किसी भी प्रकार से खराब हो चुके सामग्रियों और दूषित पेयजल के इस्तेमाल से बचना होगा. अगर किसी को भी उल्टी-दस्त या डायरिया की शिकायत हो जाये तो सबसे पहले उसके शरीर को निर्जलीकरण होने से बचाना जरूरी है, इसके लिए ओआरएस या नमक चीनी-पानी का घोल बनाकर देते रहें और जितना जल्दी हो सके मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जायें
दो डिग्री सेल्सियस बढ़ा तापमान, धूप में रही तल्खी
पिछले तीन दिनों में दो डिग्री तापमान की बढ़ोतरी से शनिवार को मौसम काफी गर्म रहा. यहां का अधिकतम तापमान 37.5 और न्यूनतम तापमान 27.5 रिकॉर्ड किया गया. तापमान बढ़ने से धूप में तल्खी बढ़ गयी. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के जारी आंकड़ों के अनुसार, हवा की गति में भी तेजी रही. करीब 5.1 किमी प्रति घंटा के हिसाब से पूरबा हवा चली. सुबह से आर्द्रता 83 और दोपहर दो बजे से 56 फीसदी रहा. अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना व्यक्त की गयी है. फिलहाल 24 घंटे तक बारिश का अनुमान नहीं है.
जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि गर्मी के साथ आर्द्रता बढ़ने से एइएस का खतरा बढ़ जाता है. इस लिहाज से जून तक अभिभावकों को एइएस से बचाव के लिये बताये गये सभी उपाय का पालन करना होगा.
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