मुजफ्फरपुर जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की जांच को बनी तीन सदस्यी टीम ने अपनी रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपी. रिपोर्ट में टीम ने जांच के क्रम में आधा दर्जन सेंटर बंद पाया. सकरा में बिना जिला स्वास्थ्य समिति के अनुमोदन के 14 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निर्माण करा लिया गया है. बंदरा में जब टीम पहुंची तो वहां चिकित्सा प्रभारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, लेखापाल नहीं मिले. मुशहरी में भी प्रभारी से लेकर लेखापाल तक गायब रहे. दोनों जगह पर बिना जांच के टीम वापस हुई. इसी तरह से सरैया में भी टीम पहुंची तो वहां पर पीएचसी प्रभारी से लेकर प्रबंधक व लेखापाल नहीं मिले. रास्ते में तीन सेंटर मिले उसका जांच किया गया, सभी बंद मिले. टीम एक सप्ताह में सकरा, बंदरा, मुरौल, मुशहरी, मोतीपुर व कांटी, मडवन पीएचसी की जांच कर रही है.
सकरा में 21 सेटर बना है. टीम के अनुसार यह सब सेंटर जिला स्वास्थ्य समिति के दिशा-निर्देश के मुताबिक कराया गया है. इसमें सात का अनुमाेदन कराया गया है. जबकि 14 का अनुमोदन किया गया है. मुरौल पीएचसी में आठ सेंटर का अनुमोदन लंबित लेकिन काम कराया गया है. मीरापुर सेंटर पर सीएचओ अनुपस्थित मिली. मडवन के भटौना सेंटर पर टीका को ओपीडी रजिस्टर नहीं मिला. कांटी में 23 सेंटर बना है, यहां के प्रबंधक ने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति से अनुमोदन के बाद काम को कराया गया है. मोतीपुर में लेखापाल के नहीं रहने से टीम को सेंटर से संबंधित कोई कागजात टीम को नहीं मिली.
जांच रिपोर्ट में किस हेल्थ एंड वेलनेस पर कितना खर्च हुआ, किस एजेंसी ने बनाया, कितना उपकरण यानी जांच मशीन व सुविधा होनी चाहिए वह है या नहीं, उसका क्रय किया गया या नहीं इसकी जानकारी नहीं दी गई है. सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट का वह अध्ययन करेंगे. जहां पर गडबडी मिली वहां पर सख्त एक्शन होगा. इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी, उपविकास आयुक्त सहित राज्य मुख्यालय भेजा जाएगा.
सकरा का सरमस्तपुर हाट बंद मिला , मुरौल का बलुआ, मोतीपुर का बरियारपुर बाजार बंद, मुशहरी का पताही बंद, बंदरा का गोविंदपुर छपरा बंद, सरैया का पोखरैरा बंद मिला. कांटी का शेरूकांही बंद मिला.