Bihar Flood नेपाल में हो रहे हल्की बारिश के बीच गंडक का जल स्तर हर घंटा घट व बढ़ रहा है. भसही से वार्ड नं तीन तक नदी की धारा बदलने के कारण विशंभरपुर में करेंट बहुत हो गया है. सोमवार को नदी के जल स्तर के घटते ही एप्रन में दरार आ गयी. इसे बचाने के लिए आनन-फानन में रेस्टोर करने के लिए काम तेज कर दिया गया. एप्रन को बचाने के लिए हाथी पांव डालकर उसे बचाने का काम चल रहा. इससे बांध पर कोई खतरा नहीं है.
वाल्मीकिनगर बराज से सोमवार की सुबह जहां 1.33 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज रहा, तो शाम को घटकर 1.22 लाख पर आ गया. विशंभरपुर में नदी खतरे के निशान से 12 सेमी नीचे रही. पतहरा में लाल निशान के करीब पहुंच गयी. टंडसपुर में 18 सेमी ऊपर बहने लगी.
विशंभरपुर में एप्रन में आयी दरार की सूचना पर बाढ़ संघर्षात्मक बन के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह पहुंचे. कार्यपालक अभियंता पवन कुमार को समझाया. सहायक अभियंता एकता गुप्ता ने नदी की स्थिति को बताया. उधर, एप्रन के रेस्टोरेशन का काम तेज कर दिया गया. अभियंताओं ने बांध को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है. गंडक नदी के एक्सपर्ट की मानें, तो पिछले दो वर्षों में सिपाया वार्ड नं तीन से लेकर भसही व विशंभरपुर तक नदी में जमकर बालू का अवैध खनन किया गया.
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बालू के निकलने के कारण जगह बन गयी, जबकि बालू का टेंडर नहीं होने से अवैध खनन को प्रशासन रोक नहीं पाया. उधर, यूपी सरकार ने अहिरौलीदान में नदी की धारा को मोड़ने के लिए बोल्डर पिचिंग कर 40 फुट स्पर बना दिया. इससे नदी अपना कोर्स बदल कर बांध तक आ गयी.
नदी में करेंट के होने के कारण परेशानी हो रही है. वहीं सावन में नदी के शांत होने के पीछे की तबाही को लोग भांप कर अलर्ट मोड में हैं. नदी का मिजाज कब बिगड़ जायेगा, कहना मुश्किल है. निचले इलाके में रहने वाले लोग अपने घरों के सामान को सुरक्षित करने में जुटे हैं ताकि अगर सैलाब आया, तो उससे निबट सकें.