Bihar Land Survey: मुजफ्फरपुर जिले में भूमि सर्वे के प्रारंभिक चरण में ग्राम पंचायतों में आमसभा का कार्य शुरू हो चुका है. वहां पर सर्वे अमीन व कानूनगो सहित अंचल से संबंधित कर्मी मौजूद रहते हैं. मकसूदपुर पंचायत के मुखिया बरूण सरकार की मानें तो आमसभा में आयी समस्याओं का निष्पादन अभी भी अंचल स्तर से नहीं हो रहा है.
यह लोग अब डीसीएलआर कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश हैं. दर्जनों परिवार का जमीन रजिस्ट्री हो चुका है. लेकिन दाखिल खारिज के लिए लंबे समय से भटक रहे है. ऑनलाइन रसीद दिखा रहा है. किंतु किसी का खाता तो किसी का खेसरा तो किसी का रकबा गड़बड़ है.
कोई नाम सुधारने के लिए सीओ कार्यालय का चक्कर लगाने को विवश है. लेकिन वहां साहब समय से नहीं आते है. अगर आ भी गये तो भीड़ इतनी है कि मामले का निष्पादन के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. कई ऐसी जमीन है जो दादा दूसरे से बदलैन (विनिमय) कर चुके हैं. किंतु ऑनलाइन अभी भी उनके नाम से ही जमीन दिखा रहा है. ग्रामीण इलाको में तीन पुश्त पहले आपसी बंटवारा का जमीन भी ऑनलाइन अपडेट नही है.
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रजिस्टर टू का पन्ना फटने से परेशानी
बहुत सारे लोगों का रजिस्टर टू फटा हुआ है, जिससे काफी परेशानी हो रही है.गोरीगामा के सामाजिक कार्यकर्ता संजीव कुमार चुन्नू बताते हैं कि उनके यहां वंशावली के नाम पर लोगों का शोषण किया जाता है. तथाकथित बिचौलिया कोर्ट से लेकर अंचल कार्यालय के नाम पर 1500 रुपये वसूल रहे हैं.
कातिब के पास चक्कर लगाने को मजबूर
पुराने दस्तावेज के पढ़ने वालों का गांव में अकाल पड़ गया है. नतीजतन लोग उसको लेकर रोज कातिब के पास जा रहे हैं. हिंदी ट्रांसलेट के नाम पर दो से तीन हजार रुपये ऐंठा जा रहा है. हालांकि कुछ जगहों पर पुराने बुजुर्ग उस दस्तावेज को पढ़ दे रहे हैं. ऐसे लोगो की संख्या इक्का-दुक्का है. ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय अमीन द्वारा डाटा के नाम पर करीब दो हजार रुपये की वसूली की जा रही है.
राजस्व कर्मचारियों के अटॉर्नी के यहां भी लोग चक्कर लगा रहे हैं. कई लोगों को जमीन मिल गयी, किंतु अभी तक बासगीत पर्चा नहीं मिला हैं. वह लोग भी अंचल कार्यालय दौड़ रहे हैं. कुछ जगहों पर पैसे लेकर अटॉर्नी द्वारा गलत मालगुजारी रसीद काट दी गयी है. उनकी परेशानी भी बढ़ी हुई है.