Bihar News: मुजफ्फरपुर. एक बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में गिरफ्तार उसकी नानी सहित दो महिलाओं को आरामबाग सब-डिविजनल कोर्ट ने मंगलवार को दोषी करार देते हुए सजा का एलान किया. जज कृष्ण कुमार अग्रवाल ने मुख्य अभियुक्त की पत्नी सागरिका पंडित (40) को फांसी एवं मृत बच्ची की नानी सुशीला माझी (70) को आजीवन कारावास व 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी. इस मामले में गिरफ्तार एक अन्य आरोपी की जेल हिरासत के दौरान मौत हो गयी थी. सूत्रों के अनुसार, कोर्ट ने मृत बच्ची के परिजनों को तीन लाख रुपये की सरकारी सहायता देने का भी आदेश दिया.
यह घटना 2018 में हुगली जिले के आरामबाग उपमंडल के खानाकुल स्थित राधाबल्लभपुर गांव में हुई थी. जानकारी के अनुसार, सुशीला माझी ने तंत्र सिद्धि हासिल करने के लिए इलाके के तांत्रिक मुरारी पंडित से संपर्क किया था. तांत्रिक ने सुशीला से कहा कि एक बच्चे की बलि देने पर उसे तंत्र सिद्धि प्राप्त हो जायेगी. इसके बाद सुशीला अपनी नतिनी को तांत्रिक के पास ले गयी. तांत्रिक ने तंत्र साधना के बहाने बच्ची को अपने पास लिया. तांत्रिक ने बच्ची के हाथ-पैर बांध उससे दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी, इसके बाद बच्ची के शव को घोंटू सिंह नामक व्यक्ति के घर के बगल में स्थित सेप्टिक टैंक में फेंक दिया. इस अपराध में तांत्रिक की पत्नी भी संलिप्त थी.
उधर, बच्ची की कोई खोज-खबर नहीं मिलने पर उसके पिता ने खानाकुल थाने में बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी. मामले की तफ्तीश में जुटे थाने के जांच अधिकारी बुद्धदेव सरकार ने सेप्टिक टैंक से बच्ची का शव बरामद किया, इसके बाद पुलिस ने तांत्रिक मुरारी पंडित और उसकी पत्नी सागरिका पंडित सहित मृतका की नानी को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले की सुनवाई आरामबाग सब-डिविजनल कोर्ट में चल रही थी. इसी बीच तांत्रिक मुरारी पंडित की दो फरवरी 2024 को जेल हिरासत में रहने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी. शेष दो आरोपी महिलाओं (तांत्रिक की पत्नी एवं मृतका की नानी) को कोर्ट ने मंगलवार को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी.