Bihar News: मुजफ्फरपुर के कंपनीबाग स्थित प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के गेट के पास बुधवार को दूसरे दिन भी घेराबंदी कर लीकेज मरम्मत का काम चल रहा है. एक दिन पहले यहां सीवर लाइन का स्लैब टूटने के बाद सड़क धंस गयी थी. अभी तक सड़क धंसने के ऐसे मामलों में जो बात सामने आई है, वह सीवर या पानी की लाइन में लीकेज के कारण हुआ है. इस लीकेज का समय पर पता नहीं चलने की वजह से बारिश के दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है.
एक्सपर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में जमीन के नीचे पाइपलाइन और केबल का नेटवर्क बढ़ता जा रहा है. वहीं, जमीन के नीचे लाइनों और इस नेटवर्क को चेक करने के लिए कोई ऐसी तकनीक नहीं बनी है. मल्टी एजेंसी सिस्टम होने की वजह से एक दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी डालने का सिलसिला भी चल रहा है. जब तक जमीन के नीचे के इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूत मॉनिटरिंग नहीं होगी, इस तरह के हादसे बढ़ने की आशंका बढ़ती जायेगी.
सड़क धंसने पर लीकेज का पता चलता है
जिस तरह हम बिजली के पोल पर तारों का जाल देखते हैं, और फिर इनमें चिंगारियां उठने लगती हैं, उसी तरह जमीन के अंदर भी पाइपलाइन और ऑप्टिकल फाइबर के तार का जाल बढ़ता जा रहा है. इनमें छोटी मोटी लीकेज का पता नहीं चलता. यह तब सामने आती हैं, जब सड़क धंसना शुरू हो जाती है. इसलिए यदि इनके नियमों को लेकर सख्ती नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी. बता दें कि फिलहाल सिकंदरपुर मन के चारों ओर एडीबी एरिया में सीवरेज लाइन बिछायी गयी है. कई जगहों पर मरम्मत में गड़बड़ी के कारण चैंबर के पास सड़क धंसी हुई है.
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आने वाले दिनों में घर के अंदर सीवर गैस की गंध की समस्या
सीवर लाइन में अभी से जिस तरह से समस्या शुरू हो गयी है. ऐसे में पूरा सिस्टम चालू होने के बाद आने वाले दिनों में घर के अंदर सीवर गैस की गंध की समस्या उत्पन्न हो सकती है. एक्सपर्ट के अनुसार लीकेज के साथ भारी निर्माण उपकरण, सिंकहोल, अत्यधिक वर्षा जल ऐसी कुछ चीजें हैं, जो सीवर लाइन के आसपास की मिट्टी में बदलाव ला सकती हैं. जब पाइप के आसपास की जमीन खिसकती या बैठती है, तो सीवर लाइन धंस सकती है, और गलत दिशा में ढलान बना सकती है. समय के साथ, ढीले पाइप में कचरा जमा हो जाता है, जिससे रुकावट पैदा होती है.