बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) के हॉस्टल में रूल्स-रेगुलेशन सख्त होंगे. नामांकन से लेकर हॉस्टल के अंदर की व्यवस्था पर विश्वविद्यालय प्रशासन की निगरानी रहेगी. हॉस्टल से छात्राओं को गर्मी के दिनों में शाम छह बजे और ठंड के दिनों में शाम पांच बजे के बाद बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी. विश्वविद्यालय के आठ हॉस्टल है, जिसमें चार-चार छात्रों और छात्राओं के लिए है.
BRABU के हॉस्टल किए जा रहे सुदृढ़
कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय के आदेश पर सभी हॉस्टल में साफ-सफाई व सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्था सुदृढ़ की जा रही है. मंगलवार को डीएसडब्ल्यू प्रो अभय कुमार सिंह ने छात्रावास अधीक्षकों के साथ बैठक कर योजना तैयार की. इसमें कई बिंदुओं पर सहमति बनी, जिसे जल्द ही लागू किया जायेगा.
पुलिस वालों से खाली कराया जाएगा ब्वॉयज हॉस्टल
प्रो सिंह ने बताया कि एक गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण अभी अधूरा है, जिसे पूरा कराकर जल्द आवंटित किया जायेगा. वहीं एक ब्वॉयज हॉस्टल में पुलिस वाले रहते हैं. उसे भी खाली कराने की तैयारी हैं. उन्होंने बताया कि हॉस्टल में नामांकन से लेकर बच्चों के अनुशासन तक कड़े नियम बनाये जा रहे हैं, जिसका सभी को पालन करना होगा.
यूजी, पीजी व पीएचडी छात्राओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था
विश्वविद्यालय के चार गर्ल्स हॉस्टल का आवंटन अलग-अलग छात्राओं के लिए किया जायेगा. हॉस्टल संख्या एक पीजी छात्राओं के लिए होगा, तो दो नंबर में स्नातक और तीन नंबर में व्यावसायिक पाठ्यक्रम की छात्राओं का निवास होगा. इसी तरह चार नंबर हॉस्टल का आवंटन पीएचडी रिसर्च स्कॉलर को ही किया जायेगा. सभी हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे लगवाने का भी प्रस्ताव दिया गया है. यह भी कहा गया है कि हॉस्टल में रहने वाली कोई छात्रा बीमार पड़ती है, तो उसके साथ छात्रावास अधीक्षिका का रहना अनिवार्य होगा.
हॉस्टल में वर्तमान सत्र के विद्यार्थी चुने जायेंगे छात्र नायक
सभी हॉस्टल में छात्रों के प्रतिनिधि का चुनाव छात्र नायक के रूप में किया जायेगा. विश्वविद्यालय की ओर से दिये गये प्रस्ताव के अनुसार वर्तमान सत्र के विद्यार्थी यानी प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी ही छात्र नायक बनेंगे. सभी गर्ल्स व बॉयज हॉस्टल के लिए अलग- अलग छात्र नायक चुने जायेंगे. हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों की समस्या को ये विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष रखेंगे.
दुबारा पीजी करने पर नहीं मिलेगी हॉस्टल की सुविधा
हॉस्टल में नामांकन को लेकर भी नियम बनाये गये हैं. इसके मुताबिक कोई छात्र या छात्रा दूसरी बार पीजी में नामांकन लेते हैं, तो उन्हें हॉस्टल आवंटित नहीं किया जायेगा. इसके साथ ही किसी भी छात्रावास में पुरुष या महिला कर्मचारियों के लिए आवास आवंटित नहीं किया जायेगा. छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए सभी हॉस्टल में अलग-अलग मेस खोलने की भी योजना तैयार की गयी है.