अंकित कुमार, मुजफ्फरपुरउच्च शिक्षा में छात्राओं की भागीदारी बढ़ रही है. सरकार की विविध योजनाओं और शिक्षा की महत्ता समझने के बाद अब छात्राएं सक्रिय रूप से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. कोरोना काल के बाद बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गयी है. वर्तमान में स्नातक कोर्स में तीन सत्रों में 4.29 लाख विद्यार्थियों का नामांकन है. इसमें छात्राओं की संख्या करीब 2.40 लाख है. स्नातक के साथ ही पीजी में भी छात्र-छात्राओं के नामांकन में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गयी है. पीजी सत्र- 2019-21 में जहां कुल 5,339 विद्यार्थी नामांकित थे. इसमें छात्राओं की संख्या 2,966 थी. वहीं सत्र 2023-25 में नामांकन का ग्राफ बढ़कर 11,080 पर पहुंच गया है. इसमें छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या 20 प्रतिशत अधिक है.
एक दशक में बिहार के जीइआर में दोगुनी बढ़ोतरी
बिहार में उच्च शिक्षा में ग्रास इनरॉलमेंट रेसियाे (जीइआर) में दोगुनी बढ़ोतरी देखी गयी है. बिहार में 2010 में जीइआर 9.1 प्रतिशत था. वहीं 2022 में उच्च शिक्षा में बिहार का जीइआर 17.1 प्रतिशत पर पहुंच गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का लक्ष्य है कि 2035 तक उच्च शिक्षा में जीइआर को 50 प्रतिशत तक पहुंचाना है. इसमें विशेषकर महिलाओं को उच्च शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करना है. बीते दिनों सरकार की ओर से शुरू किये गये कन्या उत्थान योजना का सकारात्मक असर जीइआर पर देखने को मिला है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है