मुजफ्फरपुर.
पुल निर्माण विभाग को सरकारी नियम की जानकारी नहीं होने के कारण सरकारी जमीन के अधिग्रहण की योजना जिला भू-अर्जन कार्यालय को भेज दी. जब जिला भू-अर्जन कार्यालय ने अधियाचना की जांच की तो पता चला कि यह जमीन तो सरकारी है. इसको लेकर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना अभियंता को यह बताकर अधियाचना वापस कर दी कि सरकारी जमीन का अधिग्रहण नहीं होता, इसका हस्तांतरण होता है.ऐसे में दोबारा से अधियाचना में सुधार कर उसे भेजें. अधियाचना मिलने पर जिला भू-अर्जन कार्यालय द्वारा इस संबंध में मुशहरी सीओ से रिपोर्ट मांगी. सीओ ने उस संबंध में भेजी रिपोर्ट में बताया कि जिस जमीन के अधिग्रहण की बात कही गयी है उन सभी की खेसरा की जांच करते हुए बताया कि वह जमीन सरकारी है. सीओ के इसी रिपोर्ट के आधार पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने अधियाचना को वापस लौटा दिया. इसके बाद वरीय परियोजना अभियंता ने इन त्रुटियों में सुधार कर करीब 1.0312 एकड़ भूमि के हस्तांतरण का प्रस्ताव भेजा है. जिसका अवलोकन करते हुए स्वीकृति देने की प्रक्रिया चल रही है. बताया गया कि अखाड़ाघाट पुल के बगल में समानांतर पुल का निर्माण होना है. इसका टेंडर भी फाइनल हो चुका है. अक्तूबर में ही काम शुरू होना था, लेकिन तकनीकी कारणों व विभाग की कुछ त्रुटियों के कारण काम शुरू नहीं हो सका. इस पुल के एप्रोच पथ के निर्माण को लेकर अखाड़ाघाट रोड में सरकारी भूमि की मांग की गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है