-एलएनटी कॉलेज में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी व कुलपति प्रो.डीसी राय ने किया स्टूडियो का शुभारंभ
– लेक्चर रिकॉर्ड कर छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराया जाएगा ऑनलाइन लैक्चर, शिक्षकों व संसाधन की कमी को दूर करने के लिए कॉलेज की ओर से की गयी पहलमुजफ्फरपुर.
ऑनलाइन व ऑफलाइन टीचिंग मैथर्ड एक दूसरे के पूरक हैं. आपदा के समय ऑनलाइन स्टडी एक अहम टूल के रूप में उभरकर सामने आयी. कोविड काल के बाद ऑनलाइन स्टडी का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. हमें तकनीक के साथ समन्वय बनाकर आगे बढ़ना चाहिए. ये बातें शनिवार को ललित नारायण तिरहुत महाविद्यालय में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ आलोक प्रताप सिंह ने कहीं. वे कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग व दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘ऑनलाइन वर्ग संचालन की प्रासंगिकता’ विषय को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे. कहा कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कॉलेजों में छात्रों की संख्या काफी अधिक है. सिर्फ परीक्षा के समय जब बच्चे आते हैं तो बैठने की जगह कम पड़ जाती है. ऐसे में ऑनलाइन टीचिंग की पद्धति कारगर साबित होगी. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक बिहार प्रो.रेखा कुमारी भी शामिल हुई. उन्होंने कॉलेज के वीणा स्मृति सभागार व ‘ऑनलाइन स्टूडियो’ का उद्घाटन किया. उद्घाटन कर्ता के रूप में बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कुलपति डॉ दिनेश चंद्र राय, कुलसचिव डॉ अपराजिता कृष्णा उपस्थित थीं. स्वागत भाषण करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अभय कुमार सिंह ने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि हम छात्रों को शैक्षिक क्षेत्र में यथासंभव सुविधा मुहैया कराएं. हमारा महाविद्यालय प्रतिदिन नई चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार कर रहा है. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने कहा कि कम संसाधनों में भी महाविद्यालय को समसामयिक शक्ति की दक्षता प्रदान करते हुए ऑनलाइन कक्षा के लिए स्टूडियो का निर्माण अन्य महाविद्यालय के लिए प्रेरणादायक है. कहा कि प्राचार्यों के साथ आगे होने वाली बैठक में उन्हें इस स्टूडियो को दिखाया जाएगा. साथ ही प्रत्येक कॉलेज में इस प्रकार की सुविधा हो इसको लेकर पहल की जाएगी. कुलसचिव डॉ अपराजिता कृष्णा ने कहा कि शैक्षिक उपलब्धता हमारे देश की संपत्ति है. छात्रों के साथ हमारे देश में संवेदनात्मक स्तर पर संबंध स्थापित होना चाहिए. जिस की शिक्षा के क्षेत्र में हमारी वैश्विक पहचान बन सके. कार्यक्रम के दौरान मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ विजयेंद्र झा की पत्रिका कोसा का लोकार्पण किया गया. महाविद्यालय के एनसीसी व एनएसएस के छात्र छात्राओं ने पूरे कार्यक्रम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ अर्चना सिंह ने किया. लूसी और उसके समूह ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन चित्तरंजन कुमार ने किया.प्रतिवर्ष उच्च शिक्षा पर सरकार खर्च कर रही 5000 करोड़ रुपये : निदेशक
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने कहा कि सरकार सिर्फ उच्च शिक्षा पर करीब 5000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष खर्च कर रही है. इसका मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया कराना है. इनकी आखरी मंजिल हमारे छात्र हैं. इन सारी सुविधाओं का लाभ छात्रों को मिलना चाहिए. ऑनलाइन स्टूडियो के माध्यम से सुदूर पूर्व रहने वाले छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की योजना है कि अब 60 प्रतिशत कक्षाएं ऑफलाइन मोड और 40 प्रतिशत कक्षाएं ऑनलाइन मोड में संचालित किये जाएं. इसी आधार पर क्रेडिट का भी निर्धारण होगा. उन्होंने ऑनलाइन डिग्री और अन्य प्रमाणपत्रों को पोर्टल पर अपलोड करने समेत अन्य जानकारी भी छात्रों के साथ साझा की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है