=कुलपति ने सभी कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ की ऑनलाइन बैठक
=कहा- अपार आइडी बनाने का कार्य इस महीने करें पूर्णमुजफ्फरपुर.
बीआरएबीयू में कुलपति प्रो दिनेश चंद्र राय की अध्यक्षता में अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक ऑनलाइन मोड में हुई. शाम में हुई बैठक में कुलपति ने विभिन्न मुद्दों को लेकर प्राचार्यों को निर्देश दिया. उन्होेने कहा कि विभिन्न कॉलेजों में एक ही कोर्स के लिए अलग-अलग फी लिए जाने की शिकायत लगातार मिल रहा है. ऐसे में अब सभी कॉलेज राजभवन की ओर से निर्देशित फी ही लेंगे. साथ ही फी स्ट्रक्चर का विवरण अपने वेबसाइट पर अपडेट करेंगे. उन्होंने फी के साथ ही कुल पांच एजेंडों पर प्राचार्यों के साथ चर्चा की गयी.कुलपति ने आदेश दिया कि इस महीने में सभी कॉलेजों में नामांकित छात्र-छात्राओं का अपार आइडी बनाने का कार्य हर हाल में पूरा कर लें. इसके साथ ही छात्र-छात्राओं का एबीसी आइडी बनाना भी जरूरी है. अब स्टूडेंट्स के सभी शैक्षणिक विवरण इसी पर रहेंगे. इस कार्य में यदि कोई परेशानी हो तो उसको लेकर विश्वविद्यालय की ओर से कार्यशाला का आयोजन कर निदान किया जाएगा. अपार आइडी बनाने में बेहतर प्रदर्शन करने वाले ललित ानारायण तिरहुत कॉलेज और रामवृक्ष बेनीपुरी महिला महाविद्यालय का उदाहरण प्राचार्यों को दिया गया. परीक्षाओं के बाद पेंडिंग परिणाम को लेकर छात्र-छात्राओं की परेशानी की ओर कुलपति ने प्राचार्यों का ध्यान आकृष्ट कराया. कहा कि पेंडिग परिणाम वाले छात्रों को मेमो और एटेंडेंस सीट के लिए केंद्र का चक्कर लगाना होता है. ऐसे में अब परीक्षा समाप्ति के ठीक बाद उसी दिन मेमो की साॅफ्ट कॉपी विश्वविद्यालय को भेज दें. कॉलेज से प्रतिनिधि को भेजकर अंकपत्र समय से प्राप्त करें और उसे रिकॉर्ड में मेंटेन करें. इसको लेकर भी कई बार छात्र विश्वविद्यालय पहुंचे और पता चला कि उनका अंकपत्र पहले ही भेजा जा चुका है. कॉलेज की ओर से उनका आवेदन इसके बाद भी फॉरवर्ड किया गया था.बैठक में अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ आलोक प्रताप सिंह, कुलानुशासक प्रो.बीएस राय, परीक्षा नियंत्रक डाॅ सुबालाल पासवान, विकास पदाधिकारी डाॅ रमेश विश्वकर्मा, एलएस काॅलेज के प्राचार्य प्रो.ओपी राय, आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्य डाॅ ममता रानी, नीतीश्वर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ मनोज कुमार, एलएनटी काॅलेज के प्राचार्य डाॅ अभय कुमार सिंह समेत सभी कॉलेजों के प्राचार्य ऑनलाइन जुड़े थे.
समय से सिलेबस पूरा कराना चुनौतीपूर्ण :
बैठक के दौरान यह बात सामने आयी कि स्नातक और पीजी में जिस प्रकार विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है. साथ ही सेमेस्टर सिस्टम लागू होने से विवि पर लगातार बढ़ा है. ऐसे में शिक्षक लगातार मूल्यांकन कार्य में ही लगे हैं. ऐसे में सिलेबस पूरा कराना भी चुनौतीपूर्ण हो गया है. ऐसे में अब ऑनलाइन स्टडी मेटेरियल और लेक्चर को रिकॉर्ड कर स्टूडेंट्स काे उपलब्ध कराया जाएगा. कहा गया कि जिन विषयों में शिक्षक नहीं हैं. उनके मदर डिपार्टमेंट के शिक्षक तत्काल उस विषय की पढ़ाई कराएंगे. साथ ही परीक्षा के बाद कॉपियों की जांच भी अलग-अलग जिलों में कराने पर विचार किया गया.
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