सीबीडीटी के निर्देश के बाद एआइ कर रहा रिफंड की जांच
मुजफ्फरपुर.
आयकर विभाग अब रिफंड में दावों की निगरानी कर रहा है. विभाग अब फर्जी तरीके से रिफंड के क्लेम की सख्ती से जांच करने में जुटा है. इसके तहत नौकरीपेशा लोगों की जानकारी ली जा रही है, जो किसी एक एजेंसी से सामूहिक रूप से रिटर्न दाखिल किये हैं. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस के निर्देश के बाद विभाग ऐसे लोगों की पहचान में जुटा है.सीबीडीटी के निर्देश के अनुसार विभाग को एआइ का इस्तेमाल कर संदिग्ध रिटर्न व रिफंड की पहचान करने को कहा गया है. इसके अलावा विभाग ने ऐसे करदाताओं की भी जांच शुरू कर दी है, जिनके रिटर्न पिछले आठ वर्षों में जांच के दायरे में आये थे. इसमें नौकरीपेशा लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने गैर पेशेवर एजेंसी की मदद से रिटर्न दाखिल किया है. अधिकांश करदाता गैर पेशेवरों से रिटर्न दाखिल करा रहे हैं, जो अधिक रिफंड दिलाने का लालच देकर करदाताओं को फंसा रहे हैं. इस कारण इस वर्ष रिफंड भी अटक रहा है.
गलत दावों पर चार वर्षों का रिफंड वसूल होगा
टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने कहा कि वकील व सीए को छोड़ कर कई गैर पेशेवर यानी साइबर कैफे से भी आइटी रिटर्न दाखिल करते हैं. इनमें से कई लोगों को अधिक रिफंड दिलाने की बात कह कर लुभाते हैं और गलत रिटर्न दाखिल कर रिफंड का क्लेम करते हैं. ऐसे कई दावे पकड़ में आने के बाद अब सीबीडीटी के निर्देश के बाद अब ऐसे लोगों की पहचान हो रही है. विभाग एआइ की मदद से ऐसे लोगों के गलत रिफंड के दावों की जांच कर रहा है. गलत रिफंड के दावों को रोका जा रहा है और विभाग संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर रहा है.आयकर विभाग के नियम के अनुसार यदि कोई गलत रिफंड का दावा करता है तो विभाग पिछले चार वर्षों के रिफंड की वसूली कर सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है