स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में मुजफ्फरपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 258 गर्भवती महिलाओं की पहचान की गयी है. तीन महीने के अंदर इनकी डिलिवरी की तिथि है. बाढ़ के दौरान इनके प्रसव की तिथि के अनुसार उन्हें सुरक्षित स्थान पर प्रसव कराने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग करेगा.
प्रसव कराने के लिए सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने सोमवार को गायघाट के पीएचसी में बैठक की. इसमें गायघाट पीएचसी प्रभारी सहित कटरा और औराई के प्रभारी शामिल हुए. औराई पीएचसी प्रभारी ने बताया कि उनके सहचरी एपीएचसी में महिलाओं के प्रसव की व्यवस्था की जा सकती है. एपीएचसी में जगह भी है और वहां प्रसव कराने में सहूलियत होगी. सीएस ने इस पर सहमति दी.
सिवल सर्जन ने अन्य पीएचसी प्रभारियों को सुरक्षित जगह देख कर कैंप लगाने का निर्देश दिया. पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में गायघाट में 108, औराई में 74 और कटरा में 76 गर्भवती महिलाओं की पहचान की गयी है. स्वास्थ्य विभाग अब कैंप लगा कर इनके सुरक्षित प्रसव की तैयारी कर रहा है.
पीएचसी प्रभारियों के साथ बैठक में सीएस ने कहा कि दवाओं की कमी हो, तो सेंट्रल दवा गोदाम से दवा मंगा लें. किसी कारणवश कोई दवा नहीं मिलती है, तो रोगी कल्याण समिति के फंड से उसकी खरीदारी कर लें और उसकी ब्योरा उपलब्ध कराएं.
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सिवल सर्जन ने कहा की डायरिया, कुत्ता और सांप काटने की दवा सहित अन्य सभी तरह की जीवन रक्षक दवाएं पीएचसी और एपीएचसी में उपलब्ध होना चाहिए. इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
सिविल सर्जन डॉ. यूसी शर्मा ने कहा कि संभावित बाढ़ को देखते हुए तीनों प्रखंड में चलंत मेडिकल टीम का गठन अवश्य करें. सीओ से संपर्क कर चिह्नित ऊंचे स्थान पर बाढ़ प्रभावित शरणार्थी शिविर बनना है, उसकी सूची प्राप्त कर वहां मेडिकल टीम की अस्थायी प्रतिनियुक्ति करनी है. बाढ़ के समय में पेयजल दूषित हो जाता है, इसके लिए हैलोजन की टीकिया की व्यवस्था कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में इसका वितरण कराएं.