अंकित कुमार, मुजफ्फरपुर
Bihar Crime तस्वीर में नकाब पहने यह उस महिला की तस्वीर है जिसके चेहरे को देखकर आपको घिन आ जायेगी. नकाब के पीछे की इस महिला ने न सिर्फ मां शब्द को कलंकित कर दिया बल्कि मां-बेटी के बीच पनपी ममता को भी निर्दयता के साथ कुचल डाला. पांच वर्ष पूर्व शादी की और इसके करीब डेढ़ वर्ष बाद बच्ची को जन्म दिया.
उसका लालन-पालन किया और साढ़े तीन साल की होने के बाद अपने ही हाथों सब्जी काटने वाले चाकू से गला रेत कर उसकी हत्या कर दी. महिला साक्षर थी और सोशल मीडिया पर चमक-दमक में ज्यादा सक्रिय रहती थी. उसके पति एक मिठाई दुकान में काम करते थे. सुबह को जाते और देर शाम लौटते थे. इसी बीच महिला का सोशल मीडिया पर एक युवक से अफेयर हुआ और कथित प्रेम में पागल होकर उसने इस प्रकार के कृत्य को अंजाम दे दिया.
पूछताछ के क्रम में उसने पुलिस को बताया कि बच्ची की हत्या के बाद से वह मानसिक रूप से काफी परेशान है. दो रात से उसे नींद भी नहीं आयी, लेकिन उसकी इस कथित बातों पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा था. सब उसे हत्यारिन और समाज को कलंकित करने वाली मां की नजर से देख रहे थे.
प्रेम के लिए अपनी कोख सूनी कर ली
हम जिस परिवेश में रहते हैं वहां बचपन से यह कहानी सुनायी जाती रही है कि एक युवक ने प्रेमिका के कहने पर मां की हत्या कर उसका दिल निकालकर लेकर जा रहा था. रास्ते में ठाेकर लगी तो वह मां का दिल उसके हाथ से छिटक गया और उससे आवाज आयी कि बच्चे कहीं तुझे चोट तो नहीं लगी.
इसके बाद भी जब वह दिल लेकर प्रेमिका के पास पहुंचा तो उसने यह कहकर उसे ठुकरा दिया कि जब वह मां का नहीं हुआ तो उसका क्या होगा. लेकिन यह घटना इसके ठीक विपरीत है. यहां मां ने ही ममता को तार-तार कर दिया. क्राइम पेट्राेल की तर्ज पर मासूम बच्ची की हत्या की.
इसके बाद घंटों संजी-संवरी और रिश्तेदारों को झूठ बोलकर घर से निकल प्रेमी के यहां जा पहुंची. कहा जाता है कि सूरज पश्चिम से उदय हो सकता पर कोई मां इतनी निर्दयी नहीं हो सकती कि अपने जिगर के टुकड़े की ही हत्या कर दे, लेकिन यह सब हुआ है. वह भी दिन के उजाले में. मां पर प्रेम का ऐसा पागलपन सवार हुआ कि उसने चाकू से बच्ची की जान ले ली.
प्रेमी को नहीं थी जानकारी कि बच्ची की हत्या कर पहुंची है प्रेमिका
पुलिस ने जिस घर से महिला को गिरफ्तार किया है. वह उसके प्रेमी का है. प्रेमी ने पुलिस को यह बताया कि उसे जानकारी ही नहीं थी कि महिला बच्ची की हत्या के बाद उसके यहां पहुंची है. पुलिस ने कई बिंदुओं पर महिला के प्रेमी से भी बात की है.
दो घंटे में हत्या से लेकर शव को लगा दिया ठिकाने
बच्ची की हत्या से लेकर उसके शव को ठिकाना लगाने और घर से खून के धब्बे को साफ करने के पूरे मामले को महिला ने अकेले दो घंटे के भीतर अंजाम दिया. जिस समय बच्ची की हत्या की गयी. उसके निचले तल पर रहने वाली वृद्ध महिला बच्चे को दिखाने अस्पताल गयी थी. घर में कोई नहीं था. इसका फायदा उठा उसने दोपहर 1.30 से 3.30 के बीच हत्या की.
जिस कोख से उसने बच्ची को जन्म दिया उसी अबोध बच्ची का खून कर दिया. यह ममत्व व वात्सल्य की हत्या है. यह साइकोपैथिक डिसऑर्डर का उदाहरण है और समाज के लिए चुनौतीपूर्ण विषय है. सोशल मीडिया और चमक वाली जिंदगी के कारण मानवीय संवेदनाएं मर रही हैं. इसे काउंसेलिंग के माध्यम से ही ठीक किया जा सकता है. प्रो रजनीश गुप्ता, विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय
सामान्य स्थिति में अगर किसी महिला को प्रेमी-पति और बच्चे में से किसी एक को चुनना हो तो वह बच्चे को चुनेगी. वह प्रेमी या पति की हत्या कर सकती है , लेकिन बच्चे की हत्या नहीं करेगी. लेकिन प्रेमी के लिए अगर महिला बच्ची की हत्या कर दे तो यह असामान्य प्रक्रिया है. ऐसी घटना को अंजाम कोई साइकोसिस डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति ही दे सकता है. डॉ संजय कुमार, मनोरोग विभागाध्यक्ष, एसकेएमसीएच
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