Bihar Land Registry: बिहार में जमाबंदी की अनिवार्यता को खत्म कर पुराने नियम से जमीन की रजिस्ट्री करने की शुरू हुई प्रक्रिया के पहले दिन ही मुजफ्फरपुर जिले में 200 का आंकड़ा पार कर गया. इसमें सबसे अधिक 100 जमीन दस्तावेजों की रजिस्ट्री सिर्फ मुजफ्फरपुर रजिस्ट्री कार्यालय में हुई है. बाकी, 100 दस्तावेजों की रजिस्ट्री जिले के चार अन्य मुफस्सिल कार्यालय सकरा, कटरा, मोतीपुर एवं पारू में हुई है.
रजिस्ट्री की संख्या बढ़ने से कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी खुश हैं. कारण यह है कि विभागीय राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, कातिब व स्टांप वेंडरों की भी बल्ले-बल्ले हो गई है. लगभग तीन महीने बाद रजिस्ट्री ऑफिस में भीड़भाड़ दिखी है. लगातार सन्नाटा पसरी रजिस्ट्री ऑफिस में मंगलवार को सुबह से ही गहमागहमी दिखी. ऑफिस खुलते ही बड़ी संख्या में लोग दस्तावेज दाखिल करते हुए रजिस्ट्री प्रक्रिया में जुट गये.
ऑफिस के कर्मियों के अनुसार, मंगलवार का पहला दिन था. चुनाव के ठीक बाद ऑफिस खुला. इसलिए, कम भीड़ हुई. बुधवार से और भी भीड़ होगी. 25 को वैशाली लोकसभा क्षेत्र का चुनाव संपन्न होने के बाद प्रत्येक दिन मुजफ्फरपुर रजिस्ट्री कार्यालय में डेढ़ से दो सौ के बीच दस्तावेजों की रजिस्ट्री होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
70 फीसदी तक कम गयी थी जमीन की रजिस्ट्री
जमीन रजिस्ट्री में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए राज्य सरकार ने पहली बार 10 अक्टूबर 2019 को नियम लागू किया था. तब इसके खिलाफ कई याचिका हाईकोर्ट में दायर की गयी. कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर ही 25 अक्टूबर को सरकार के फैसला पर रोक लगा दिया. तब से चल रही मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 09 फरवरी 2024 को सरकार के फैसला को सही करार देते हुए इसे लागू करने का आदेश दिया.
इसके बाद सरकार ने 22 फरवरी को पत्र जारी कर इसे लागू किया था. इसके बाद से अब तक रोजाना 30-40 के बीच ही जमीन दस्तावेजों की रजिस्ट्री हो रही थी. जिले में 70 फीसदी तक जमीन की रजिस्ट्री कम हो गयी थी.
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