Muzaffarpur Chhath 2024: बूढी गंडक नदी किनारे के सिकंदरपुर सोड़ी घाट के अखाड़ा घाट आश्रम घाट, लकड़ी ढाई घाट पर छठ पूजा होगा, इसके लिए प्रशासनिक उत्तर पर तैयारी में नगर निगम जुटा है. इसके अलावा शहर के वमन किनारे भी घाट बनाये जायेंगे सभी घाटों की सूची नगर निगम ने जारी कर दिया है. अब निगम कम घाटों की साफ-सफाई करने के साथ अन्य तरह की आवश्यक व्यवस्था को करने में जुटे हैं. इसमें साहू पेर पाच पोखर, विश्वविद्यालय खर रामदासु पोखार, तीन पोखरिया ब्रह्मपूर्ण पोखर, जगन्नाथ मिश्रा शिकंदरपुर मन कॉलेज घाट किनारे के परिवार नियोजन घाट, आज घाट, किला घाट, माड़ीपुर रेलवे पोखार, बीबीगंज पोखर, करला पाद, सपाट, कुंडल घाट, मुक्तिधाम के बगल वाला घाट, दादर घाट पर इस गेट से पहले घाट, श्याम टॉकिज पोखर कन्दली मठ पोखर, रामेश्वर के पीछे सिकंदरपुर मन किनारे एवं सूर्य मंदिर घाट शामिल है।
छठ घाट पर एसडीआरएफ साथ पूरी टीम रहेगी तैनात
छठ महापर्व के अवसर पर पर नाव, नाविक, लाइफ जैकेट, एसडीआरएफ टीम, महाजाल व गोताखोरों की प्रतिनियुक्ति रहेगी इसको लेकर एसडीओ पूर्वी व पश्चिमी ने सभी अंचल अधिकारी को निर्देश जारी किया है. जिसमें कहा है कि घाट पर केवल प्रशासन द्वारा अधिकृत नाथ का परिचालन किया जायेगा गोताखोर को पीले रंग की टीशर्ट, एक सीटी व पहचान पत्र अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायेंगे।
पारण के साथ होता है पर्व का समापन
छठ पूजा के महापर्व की शुरुआत पहले दिन नहाय-खाय के साथ होती है. दूसरे दिन खरना होता है. वहीं, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद निर्जला व्रत का पारण किया जाता है. व्रत का पारण करने के साथ ही इस पर्व का समापन हो जाता है. वैसे तो हिंदू धर्म के लोग छठ पर्व को बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं. लेकिन छठ पूजा की बिहार में अलग धूम देखने के लिए मिलती है. छठ व्रत को महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए करती हैं. इस व्रत के दौरान स्वच्छता और पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि व्रत को करने से नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है.