मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में नगर निगम व स्मार्ट सिटी से सरकारी व निजी भवनों का चल रहे सर्वेक्षण के बीच प्रॉपर्टी टैक्स की डिमांड राशि चार गुना बढ़ गयी है. जिस रफ्तार से प्रॉपर्टी टैक्स की चोरी पकड़ में आ रही है. यही रफ्तार रहा तो आने वाले कुछ महीनों डिमांड राशि 90-100 करोड़ रुपये के बीच पहुंच जायेगा. अब तक कुल 49 में से 32 वार्डों का हुए सर्वे से नगर निगम का प्रॉपर्टी टैक्स वसूली का डिमांड 67.53 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इसके अनुसार वसूली भी बढ़ गयी है.
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चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 से शहरी क्षेत्र में बने सरकारी व निजी प्रॉपर्टी (भवनों) से लगभग नौ करोड़ रुपये की वसूली हुई है. इसमें 05 फीसदी की अतिरिक्त छूट भी नगर निगम चालू वित्तीय वर्ष का टैक्स जमा करने पर दिया है. प्रॉपर्टी टैक्स के साथ ही पानी व सफाई के बदले लगने वाला यूजर चार्ज की राशि भी वसूली की गयी है. नगर निगम के अनुसार, शहरी क्षेत्र में 53642 निजी होल्डिंग है, जिससे वसूली के लिए 40.42 करोड़ रुपये का डिमांड रखा गया है. इसके अनुपात में चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल, मई व जून महीने में लगभग पौने नौ करोड़ रुपये की वसूली हुई है. इसके अलावा 500 सरकारी होल्डिंग है. इससे वसूली के लिए 27.10 करोड़ रुपये का डिमांड है. इसके अनुपात में नगर निगम 25 लाख रुपये की वसूली किया है.
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अक्टूबर से लगेगा डेढ़ फीसदी प्रतिमाह के दर से जुर्माना
नगर निगम का चालू वित्तीय वर्ष का प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने पर अभी सितंबर महीने तक कोई जुर्माना नहीं लगेगा. यानी, कोई छूट निगम प्रशासन नहीं देगा, तो कोई जुर्माना भी वसूल नहीं करेगा. वहीं, एक अक्टूबर से प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने पर चालू वित्तीय वर्ष के अप्रैल महीने से डेढ़ फीसदी जुर्माना को जोड़ कर नगर निगम कुल राशि की वसूली करेगा.
ट्रेड लाइसेंस से 45 लाख रुपये वसूली
ट्रेड लाइसेंस से चालू वित्तीय वर्ष में 45 लाख रुपये की वसूली हुई है. जबकि, डिमांड 1.93 करोड़ रुपये का है. इसमें नगदी 43 लाख रुपये की वसूली नगर निगम किया है. वहीं, ऑनलाइन के माध्यम से दो लाख रुपये की वसूली हुई है. ट्रेड लाइसेंस शहर के व्यवसायी, दुकानदार, बैंक, ऑफिस आदि को लेना है. इसके लिए तीन स्लैब नगर निगम तय कर रखा है. छोटे दुकानदारों के लिए न्यूनतम 1000 रुपये तय किया गया है. इसके अलावा 2000 और 2500 रुपये का स्लैब तय है.