Muzaffarpur News: जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की अपार आईडी बनाने का प्रोसेस काफी धीमा है. दिसंबर महीने की शुरुआत से ही बच्चों की अपार आईडी बनाने को लेकर अभियान जारी है. लेकिन, अब तक जिले में महज 39.4 फीसदी बच्चों का ही अपार नंबर जेनरेट हो सका है. रिपोर्ट के अनुसार, जिले में पहली से 12वीं तक कुल 7 लाख 64 हजार 410 बच्चों का एडमिशन है. 31 दिसंबर तक इस लक्ष्य को पूरा करना है. अब तक इसमें 3 लाख 853 बच्चों का ही अपार कार्ड बन पाया है.
बोचहां अपार कार्ड बनाने में सबसे आगे
बता दें, सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की अपार आईडी अनिवार्य कर दी गई है. जिले में सबसे खराब स्थिति शहरी और मुशहरी क्षेत्र की है. कुल 510 स्कूलों में एक लाख एक हजार 695 बच्चों का एडमिशन है, जिसमें केवल 29 हजार 569 बच्चों की ही अपार आईडी बन सकी है. वहीं सबसे बेहतर स्थिति बोचहां प्रखंड की है. 242 स्कूलों में 40 हजार 181 बच्चों का एडमिशन है, जिसमें 59.3 फीसदी बच्चों की आईडी बन गई है.
इन प्रखंडों में अपार कार्ड की स्थिति
इसके अलावा जिले के मड़वन में 49.3, मुरौल में 48,1, पारू में 46.4, कांटी में 44.3, मीनापुर में 42.6, औराई में 41.4, साहेबगंज में 41.4, बंदरा में 40.4, गायघाट में 39.5, सरैया में 37.7, कुढ़नी में 35.2, कटरा में 34.4, सकरा में 33.8 और मोतीपुर में 33 फीसदी बच्चों की ही अपार आईडी बनी है.
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क्या है अपार कार्ड?
अपार आइडी कार्ड छात्रों के लिए बेहद अहम हैं. इस कार्ड में छात्रों की सारी एकेडमिक जानकारी होगी. साल दर साल आगे की शिक्षा ग्रहण करने के साथ ही इसमें सारी जानकारी दर्ज हो जायगी. इससे कहीं भी दूसरी जगह एडमिशन कराने में आसानी होगी और सारी शैक्षणिक डिग्री की जानकारी उन्हें पलभर में मिल जायगी. यह आइडी सभी शैक्षणिक रिकार्ड में डिग्रियों, छात्रवृत्ति, पुरस्कार आदि उपलाब्धियां डिजिटल रूप से संग्रहित करेगा. वन नेशन वन स्टूडेंट आइडी अपार कार्ड छात्रों के लिए शिक्षा को और ज्यादा व्यवस्थित और सुलभ बनाने की दिशा में एक कदम हैं.
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