Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर के अहियापुर बाजार समिति में तीन साल पहले शुरू हुआ कायाकल्प कार्य अब तक अधूरा पड़ा है. बिहार पुल निर्माण विकास निगम को बाजार समिति के विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन अब तक कई समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. पहले फेज के तहत 16.5 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित था, जिसमें मुख्य रूप से सड़क निर्माण और हाइ मास्क लाइट्स लगानी थीं.
हालांकि, पहले फेज का निर्माण तो हुआ, लेकिन दूसरे फेज की शुरुआत अब तक नहीं हो पाई है. इस कारण यहां के कारोबारी परेशान हो गए हैं और उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ा है.
500 कारोबारियों के सामने समस्याएं
अहियापुर बाजार समिति में अनाज, तेल, आलू-प्याज, फल और मछली की मंडी लगती है, जहां करीब 500 कारोबारी जुड़े हुए हैं. इन कारोबारियों की रोजी-रोटी इसी मंडी से चलती है, लेकिन धीमे निर्माण कार्य और बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
गंदगी में काम कर रहे मछली कारोबारी
बाजार समिति के मछली व्यवसायियों को दो वर्ष पहले यह आश्वासन दिया गया था कि उन्हें नई दुकानों और गोदामों में शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन निर्माण कार्य नहीं होने के कारण मछली कारोबारी अब गंदगी में काम करने को मजबूर हैं. यहां मछली के करीब एक सौ कारोबारी हैं, जो उत्तर बिहार में मछली की सप्लाई करते हैं.
हाई मास्क लाइट्स का न जलना
बाजार समिति में डेढ़ करोड़ की लागत से हाइ मास्क लाइट्स तो लगाई गईं, लेकिन ये आज तक नहीं जलीं. इससे शाम होते ही बाजार समिति में अंधेरा छा जाता है, जो कारोबारियों के लिए बड़ी समस्या बन गया है. केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी के दौरे के दौरान व्यवसायियों ने इस मुद्दे पर अपनी शिकायत भी रखी थी, लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया है.
व्यवसायियों की समस्याएं
- बाजार समिति में पेयजल की सुविधा का अभाव
- नाला और पानी निकासी की व्यवस्था नहीं
- निर्माण कार्य धीमा होने से तीन साल बाद भी अधूरा
- दुकानों को खाली कर सड़क किनारे व्यापार करने की मजबूरी
- सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं
- हाइ मास्क लाइट्स का न जलना, अंधेरे में बाजार समिति
व्यवसायी संघ का बयान
बाजार समिति व्यवसायी संघ के अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा, “तीन साल पहले जब निर्माण कार्य शुरू हुआ था, तो हमें उम्मीद थी कि एक साल में सारी व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी, लेकिन तीन साल बाद भी व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिल पाई है. काम की रफ्तार इतनी धीमी है कि कब पूरा होगा, कहा नहीं जा सकता.”
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उनके अनुसार, “बाजार समिति में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जैसे पेयजल और शौचालय की व्यवस्था. सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है और लाइट्स का भी कोई फायदा नहीं हो रहा है क्योंकि वे जलती नहीं हैं. इन समस्याओं पर ध्यान देना जरूरी है.”