Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर के कंपनीबाग स्थित कमिश्नर ऑफिस गेट के सामने स्मार्ट सिटी द्वारा निर्मित सड़क के धंसने के कारणों की जांच शुरू हो गई है. डीएम सुब्रत कुमार सेन के आदेश पर एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें अधिकारियों और इंजीनियरों को शामिल किया गया है. गुरुवार शाम को इस कमेटी ने सड़क के धंसने वाले स्थान पर पहुंचकर गहन जांच की.
स्मार्ट सिटी के ड्रेनेज और सीवरेज में खामियां पाई गईं
जांच टीम ने मुजफ्फरपुर निगम के जलापूर्ति शाखा के अधिकारियों से अंडरग्राउंड नालों और पाइपलाइन में हो रहे लीकेज की जानकारी ली. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि स्मार्ट सिटी द्वारा बनाए गए ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम में गुणवत्ता की कमी पाई गई है. विशेष रूप से, जहां से नाला और पानी की पाइपलाइन लीकेज कर रही है, वहां सड़क के नीचे सुरंग जैसी स्थिति बन चुकी है. टीम ने आशंका जताई कि यदि इस समस्या को समय रहते ठीक नहीं किया गया तो सड़क फिर से धंस सकती है.
आरसीडी वन के कार्यपालक अभियंता गणेश कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में कई गड़बड़ियाँ सामने आई हैं. हालांकि, पूरी जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि इस धंसने के पीछे कौन सी लापरवाही या गलती जिम्मेदार है. टीम ने यह भी बताया कि सीवरेज के मेनहोल के पास जो स्थिति बन रही है, वह निर्माण में किसी कमी का संकेत देती है.
ये भी पढ़े: पटना में कस्टम विभाग की बड़ी कार्रवाई, 40 लाख की विदेशी सिगरेट जब्त
बंद नहीं हो पा रहा पानी का लीकेज
इसके अलावा, नगर निगम की टीम पाइपलाइन से पानी के लीकेज को बंद करने में जुटी है, लेकिन अभी तक इसे पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सका है. टीम ने बताया कि पाइपलाइन के नीचे से मिट्टी हटने के कारण लीकेज शुरू हो गया था, और अब पाइपलाइन को ठीक करने में समस्या आ रही है. यदि बिना लीकेज को पूरी तरह से ठीक किए सड़क का पुनर्निर्माण किया जाता है, तो फिर से सड़क के धंसने की समस्या हो सकती है.
ये भी पढ़े: सीतामढ़ी में सिरकटी शव मिलने से सनसनी, हत्या की क्रूरता ने बढ़ाई रहस्य की गहराई
सरैयागंज और इस्लामपुर में भी सड़क धंसने का खतरा
इसके अलावा, सरैयागंज टावर और इस्लामपुर रोड पर भी सड़क धंसने की घटनाएँ सामने आई हैं. इन स्थानों पर सीवरेज निर्माण के बाद सड़क के धंसने के मामले बढ़े हैं. खासकर सरैयागंज टावर से सिकंदरपुर चौक के बीच लगभग 100 मीटर में सड़क के कई स्थानों पर धंसाव देखा गया है. इस कारण ऑटो और ई-रिक्शा पलटने का खतरा बना रहता है, और माल लोड ठेले भी बार-बार पलट जाते हैं. कई बार इस समस्या की शिकायत की जा चुकी है, लेकिन स्मार्ट सिटी और निगम प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में यहां बड़ी दुर्घटना हो सकती है.