Muzaffarpur Smart city: मुजफ्फरपुर में ऊपर से कालीकरण और नीचे से खोखली सड़क, धंसने के बाद खुद गुणवत्ता का प्रमाण दे रही है. यह बदतर हाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को है. चौतरफा निर्माण को लेकर लोग लगातार संकट झेल रहे है, उम्मीद यह है, कि आने वाले दिनों में सड़कों पर गाड़ियां फर्राटे से चलेगी. लेकिन कालीकरण के बाद महज एक सप्ताह में ही सड़क तीन से चार फीट तक धंस जा रही है.
भविष्य के लिए कितनी टिकाऊ होगी सड़क?
हाल के दिनों में पहला मामला छोटी सरैयागंज के पास सामने आया, जहां सूतापट्टी मोड़ के पास सड़क तीन फीट लंबाई और चौड़ाई में धंस गई. तीन दिन पहले दूसरा मामला सिकंदरपुर चौक से अखाड़ाघाट रोड में सामने आया, जहां एक निजी स्कूल के सामने सड़क धंस गई. बैंक रोड, कंपनीबाग, कर्बला रोड, सिकंदरपुर रोड में सीवरेज लाइन बिछाने के बाद सड़क लगातार जगह-जगह धंस रही है. भविष्य के लिए यह सड़क कितनी टिकाऊ होगी, यह बड़ा सवाल बन गया है.
निर्माण के चार दिन बाद मरम्मत, यह कैसी सड़क
स्मार्ट सिटी के निर्माण पर लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. लोगों का कहना है, कि किस तरह के सड़क का निर्माण हो रहा है, जिसमें चार दिन बाद ही धंसी हुई, जगह पर मरम्मत करना पड़ रहा है. अखाड़ाघाट के निवासी शुभम कुमार ने बताया कि स्मार्ट सिटी के कार्य में जांच और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है, सिकंदरपुर निवासी कृष्णा ठाकुर ने बताया कि स्मार्ट सिटी से जुड़े कार्य की मॉनिटरिंग व्यवस्था पूरी तरह से शिथिल है.
एजेंसी के जाने के बाद आने वाले दिनों में झेलेंगे शहरवासी
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर सीवरेज के नाम पर सिकंदरपुर मन के चौतरफा इलाके में सड़क काट कर, जैसे-तैसे मरम्मत की गयी है. आवासीय इलाके में बड़े मशीनों से खुदाई के दौरान कई मकानों की बुनियाद हिल गयी. राहगीर अर्जुन कुमार, गौतम कुमार का कहना है, कि एजेंसी तो अपना काम कर के चली जायेगी. लेकिन आने वाले दिनों में शहरवासी को बड़ी समस्या से सामना होगा. सुरक्षा मानकों को ताक पर रख कर काम किया गया है.
मरम्मत करके गड़बड़ी को छुपाते हुए आगे बढ़ रही है स्मार्ट सिटी लिमिटेड
पहले से लगभग योजनाओं की डेडलाइन समाप्त हो रही है. सभी योजनाएं एक्सटेंशन पर चल रही है, किसी तरह आपाधापी में काम पूरा कर आगे बढ़ने की होड़ लगी है. यही वजह है, कि एक बार में शहर के चौतरफा सड़क को बंद कर निर्माण किया जा रहा है. जहां गड़बड़ी की शिकायत आयी, वहां मरम्मत की प्रक्रिया पूरी कर, मामले को दबा दिया जा रहा है.
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निर्माण की गुणवत्ता को लेकर उठ रहा है सवाल
- अधिकतर रात के अंधेरे में होता है, निर्माण
- सड़क के बंद हो जाने से आम लोगों की भी नहीं पहुंच पाती नजर
- सुरक्षा मानकों का कहीं नहीं लगाया जाता साइनेज
- अचानक से आनन-फानन में एरिया को घेर कर आवागमन पर लग जाती है पाबंदी
- गड्ढा खोदे जाने के महीनों तक पड़ा रहता है, राबिश और कंक्रीट