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पानी पर बवाल, पब्लिक के साथ पहुंचे पार्षदों ने अधिकारियों को घेरा

पानी पर बवाल, पब्लिक के साथ पहुंचे पार्षदों ने अधिकारियों को घेरा

-पानी की समस्या से जूझ रहे वार्ड नंबर 13, 14 सहित आसपास के वार्डों के पहुंचे लोगों का निगम अधिकारियों पर दिखा गुस्सा

-छह दिनों से अखाड़ाघाट पंप से जलापूर्ति ठप होने के कारण है लोगों में नाराजगी, महापौर सहित सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने भी आड़े हाथ लिया प्रशासन को

मुजफ्फरपुर.

लगातार छह दिनों से अखाड़ाघाट पंप से ठप पानी आपूर्ति पर अब बवाल शुरू हो गया है. निगम प्रशासन पर पब्लिक की समस्या को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को आम पब्लिक के साथ-साथ प्रभावित वार्ड के पार्षदों का आक्रोश फूट पड़ा. निगम दफ्तर पहुंचे लोगों ने कर्मचारी व अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई. महापौर निर्मला साहू की मौजूदगी में लोगों ने अपना गुस्सा भी अधिकारियों पर दिखाया. इस कारण दोपहर से शाम तक नगर निगम का माहौल गर्म रहा.

आक्रोश का जमकर सामना करना पड़ा

नगर आयुक्त की अनुपस्थिति में लोगों की समस्या को सुनने निगम सभागार पहुंचे दोनों उप नगर आयुक्त सहित कर्मियों को पब्लिक के आक्रोश का जमकर सामना करना पड़ा. जल कार्य शाखा के कर्मचारी, इंजीनियर व अधिकारियों ने बिना समस्या सुने सभागार से वापस लौट गए. इसके बाद महापौर खुद नगर आयुक्त को कॉल कर सभागार में बुलाया. करीब आधे घंटे तक पानी व सफाई से संबंधित मुद्दे पर बातचीत हुई. इस दौरान भी पार्षद राजीव कुमार पंकू, अमित रंजन सहित अन्य पार्षदों व नागरिकों का गुस्सा देखने को मिला. पार्षद राजीव कुमार पंकू ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि नगर निगम में जनप्रतिनिधियों का सम्मान खत्म हो गया है.

हर महीने लाखों रुपये का नाजायज खर्च

नागरिक समस्याओं को लेकर कर्मचारी व अधिकारी को कॉल करने पर रिस्पांस नहीं मिलता है. जबकि, कर्मचारी व अधिकारियों की सुख-सुविधा पर हर महीने लाखों रुपये का नाजायज खर्च होता है. उन्होंने इससे संबंधित एक प्रस्ताव भी अगली सशक्त स्थायी समिति की मीटिंग में रखने के लिए महापौर को पत्र दिया है. कहा है कि सिटी मैनेजर, उप नगर आयुक्त की सेवा को सशक्त स्थायी समिति से प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेज दी जाएगी. साथ ही गलत तरीके से गाड़ियों की मिल रही सुविधा को भी खत्म की जायेगी.

स्पेयर में मोटर व सबमर्सिबल की खरीदगी नहीं होने पर भी सवाल

सशक्त स्थायी समिति से पूर्व में प्रस्ताव पारित किया जा चुका है कि जलापूर्ति पंप के खराब होने और मोटर के जलने पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मोटर की खरीदारी करनी थी. लेकिन, आज तक इसकी खरीदारी नहीं की गयी. महापौर सहित सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने इसको लेकर भी नगर आयुक्त से खूब सवाल-जवाब किया. हालांकि, नगर आयुक्त विक्रम वीरकर ने सभी को आश्वस्त किया कि अगले सप्ताह हर हाल में इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. भविष्य में मोटर के खराब होने या जलने की स्थिति में 48 घंटे से अधिक देर तक जलापूर्ति सेवा बाधित नहीं हो. इसके लिए आवश्यक सभी तरह के कदम उठाये जायेंगे.

नया बोरिंग व पंप हाउस निर्माण का उठाया मुद्दा

पार्षद अमित रंजन ने अखाड़ाघाट पंप के समकक्ष एक नया बोरिंग व पंप हाउस निर्माण का भी मुद्दा उठाया. कहा कि दो दशक पुराना पंप हाउस होने के कारण बार-बार जलापूर्ति सेवा बाधित हो जा रही है. पानी के साथ-साथ बालू भी निकल रहा है. ऐसे में अखाड़ा घाट के आसपास आरसीडी की जमीन है, जिस पर बोरिंग के साथ नया पंप हाउस का निर्माण होना आवश्यक हो गया है. इसके अलावा भी सिकंदरपुर पंप हाउस के नये सिरे से निर्माण व नया बोरिंग कराने का सुझाव दिया. नगर आयुक्त ने कहा कि वे खुद प्रभावित मोहल्ले का दौरा कर जलापूर्ति व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने को लेकर आवश्यक कदम उठायेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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