18 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सात दिनों तक गूंजेगा सामा-चकेवा गीत

सात दिनों तक गूंजेगा सामा-चकेवा गीत

-छठ के समापन संग मूर्तियों की खरीदारी शुरू-पूर्णिमा को विसर्जित की जायेंगी मूर्तियां

मुजफ्फरपुर.

छठ समाप्त होते ही शहर से लेकर गांवाें तक सामा-चकेवा के गीत गूंजने लगे हैं. लड़कियां सामा-चकेवा, वृंदावन, चुगला, सतभैया, पेटी, पेटार की मिट्टी की मूर्तियों की खरीदारी शुरू हो गयी है. लड़कियां नियमित रात्रि के समय आंगन में बैठ कर सामा-चकेवा का खेल खेलेंगी और गीत गायेंगी, जिसमें भगवती गीत, ब्राह्मण गीत और अंत में बेटी विदाई का समदाउन गीत गायेंगी.कार्तिक पूर्णिमा की रात में सामा का विसर्जन किया जायेगा, जिसमें महिला के साथ पुरुष भी शामिल होंगे.

इस पर्व की खास बात यह है कि जहां-बहनें अपने भाई के दीर्घायु होने की कामना करती हैं, वहीं इसके गीत में पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी छिपा होता है. धार्मिक मान्यता है कि यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पुत्री सामा व पुत्र सांच के पवित्र प्रेम पर आधारित है. चुड़क नामक एक चुगलबाज ने एक बार श्रीकृष्ण से चुगली कर दी कि उनकी पुत्री सामा वृंदावन जाने के क्रम में एक ऋषि के संग प्रेमालाप कर रही हैं. क्रोधित होकर श्रीकृष्ण ने अपनी पुत्री व उस ऋषि को शाप देकर मैना बना दिया. एक दिन सामा के भाई चकेवा को पता चला कि मेरी बहन को चुगला ने चुगली कर के श्राप दिलवा दिया तो वो भी उसी दिन तपस्या में बैठ गया और भगवान को प्रसन्न किया. फिर भगवान ने वर मांगने को कहा तो वे अपनी बहन को वापस पूर्ववत् मांग लिया. इसलिए इस पर्व को भाई बहन के प्रेम व स्नेह के रूप में मनाया जाता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें