सावन सोमवार से शुरू हो रहा है. यह पूरा माह शिव भक्ति का महीना है. इस पूरे महीना मुजफ्फरपुर के लिए खास है. देवघर के बाद यह बिहार का पहला शहर है, जहां गरीबनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए कांवरियों का सैलाब उमड़ता है. बिहार सहित देश के विभिन्न जगहों से भक्त यहां बाबा के जलाभिषेक के लिये पहुंचते हैं. भक्तों की आस्था को देखते हुए इस बार भी जिला प्रशासन ने कांविरयों को सुरक्षित जलाभिषेक की पूरी व्यवस्था की है.
कांवरियों के ठहरने के लिए विभिन्न जगहों पर ठहराव स्थल बनाये गये हैं. हरिसभा से गरीबनाथ मंदिर और जिला स्कूल तक बैरिकेडिंग की गयी है. जगह-जगह स्वास्थ्य कैंप और स्थानीय संगठनों द्वारा शिविर लगाया गया है. अधिकारियों की पूरी टीम भीड़ प्रबंधन और सुचारू व्यवस्था के संचालन में जुटी हुयी है. कांवरियों के जिले में प्रवेश करने के साथ ही उन्हें जरूरी सुविधाएं जिला प्रशासन द्वारा प्रदान की जाएगी. कांवरियों के जलाभिषेक की तैयार पर पढ़िए रिपोर्ट –
रामदयालु से पहले ही मिलेगा ठहराव स्थल का कूपनपहलेजा से कांवर लेकर चलने वाले श्रद्धालुओं का मुजफ्फरपुर सीमा में प्रवेश करने के साथ ही उन्हें विभिन्न तरह की सुविधाएं जिला प्रशासन प्रदान करेगा. रामदयालु से पहले ही जिला प्रशासन का दो शिविर लगाया गया है. यहां कांवरियों को ठहराव स्थल की पर्ची मिलेगी. कांवरियों को वहीं जाकर ठहरना होगा. एक जगह पर अधिक कांवरियों की भीड़ जमा नहीं हो, इसके लिये यह व्यवस्था की गयी है.
सबसे पहले रामदयालु टेंट सिटी में कांवरियों को भेजा जायेगा. यहां की क्षमता 500 कांवरियों के ठहरने की है. यहां करीब एक दर्जन शौचालय और स्नानागार भी बनाये गये हैं. इसके अलावा सिंचाई विभाग का कार्यालय, डीएन हाई स्कूल, साहू पोखर मंदिर सहित अन्य जगहों पर भी कांवरियों के ठहरने की व्यवस्था की गयी है. रामदयालु से गरीबनाथ मंदिर तक कई शिविर लगाये जायेंगे, जहां कांवरियों को निशुल्क भोजन, पानी, चाय-नाश्ता की व्यवस्था रहेगी.
पहलेजा में डाक कांवरियों को मिलेगा रिबन
पहलेजा में जल भरने के बाद डाक कांवरियों को रिबन दिया जाएगा, जिसे वे अपनी बांह पर लगा कर गरीबनाथ मंदिर की ओर से बढ़ेंगे. कांवरियों को रिबन देने के लिये यहां मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन का स्टाॅल लगा है. इस रिबन को देख कर ही कांवरियां मार्ग में पुलिस प्रशासन या स्वयंसेवी संगठनों के सदस्य कांवरियों को रास्ता देंगे. मुजफ्फरपुर सीमा में प्रवेश करने के बाद कांवरियों को सीधे गरीबनाथ मंदिर की तरफ बढाया जायेगा. इन्हें पंक्ति में लगने की जरूरत नहीं होगी. ये आगे बढ़ते हुए अर्घा तक पहुंचेंगे.
करीब तीन हजार स्वयंसेवक कांवरियों की करेंगे सेवा
कांवरियों को सुरक्षित तरीके से अघोरिया बाजार से गरीबनाथ मंदिर पहुंचाने के लिये विभिन्न सेवा दल के करीब तीन हजार स्वयंसेवक मौजूद रहेंगे. गरीबनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से इन्हें मार्ग आवंटित किया जायेगा. सेवादलों के सदस्य कांवरियों को आगे बढ़ाने, डाक कांवरियों के लिये मार्ग बनाने, लाचार कांवरियों की सेवा करने और उन्हें गरीबनाथ मंदिर तक पहुंचाने की व्यवस्था में जुटे रहेंगे. गरीबनाथ मंदिर के बाहर लगे अर्घे में जलार्पण के बाद कांवरियों को निकास मार्ग से निकालने में ये स्वयंसेवक सहयोग करेंगे. मंदिर और पुलिस प्रशासन ने सेवा दलों के साथ बैठक कर उन्हें दिशा-निर्देश दिया है.
एक महीने में एक करोड़ का होगा कारोबार
सावन में एक महीने तक शहर का बाजार गुलजार रहेगा. गेरुआ रंग के कपड़े, गमछा, झोला, प्रसाद के लिये चूरा, इलायचीदाना, चंदन सहित पूजन सामग्रियों के बाजार में रौनक रहेगी. जिले भर से कांवर लेकर पहलेजा जाने वाले लोगों के अलावा बाहर से यहां आकर गरीबनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने वाले कांवरियों की खरीदारी से बाजार का ग्रोथ बढ़ेगा. शहर के कपड़ा दुकानदरों ने इसके लिये विशेष तैयारी की है.
थोक कपड़ा दुकानों से जहां गेरुआ रंग के थान के कपड़ों की बिक्री मे तेजी आ गयी है तो रेडिमेड दुकानों से रेडिमेड कांवरिया उ्रेस की बिक्री शुरू हो गयी है. महिलाएं गेरुआ रंग की साड़ी खरीद रही हैं तो पुरुष गंजी, कुर्ता, झोला सहित बरसाती भी खरीद रहे हैं.
सावन को लेकर चूड़ी-लहठी दुकानदारों ने भी तैयारी की है. लहठी मंडी के लिये मशहूर इस्लामपुर से हर साल सावन में लहठी की अचछी बिक्री होती है. बाहर से आने कांवरिये यहां से विभिन्न प्रकार की लहठी की खरीदारी करते हैं. दुकानदारों की मानें तो सावन में शहर के बाजार से करीब एक करोड़ से अधिक का कारोबार होता है, जिसमें सभी तरह की वस्तुएं शामिल हैं.
हर दिन का समान महत्व
सावन का हर दिन का महत्व सोमवार जैसा है, इसलिये सावन के किसी भी दिन भक्त बाबा को जलाभिषेक कर सकते हैं. सोमवार के दिन ही जलाभिषेक करने का कोई कारण नहीं है. जिस तरह देवघर में सावन के हर दिन जलाभिषेक होता है, उसी तरह भक्त यहां भी करे. इससे उन्हें ही सुविधा होगी. अन्य दिन जलाभिषेक करने वे गर्भ गृह में जा सकते हैं, जबकि सोमवार को उन्हें अर्घा से ही जलाभिषेक करना होगा. लोगों के बीच गलत मान्यता है कि सावन के सोमवार को ही जलाभिषेक करना चाहिए. इसे बदलने की जरूरत है. – पं.विनय पाठक, प्रधान पुजारी, गरीबनाथ मंदिर
गर्भ गृह से होगा जलाभिषेक का लाइव प्रसारण
सावन के रविवार और सोमवार को गर्भ गृह से लाइव प्रसारण होगा. भक्त अर्घा में जलाभिषेक करते वक्त बाबा पर गिरते हुए जल को देख पाएंगे. इसकी व्यवस्था गरीबनाथ मंदिर प्रशासन ने की है. मंदिर के बाहर एक बड़ा-सा एलइडी टीवी लगाया जा रहा है. जिस पर लाइव प्रसारण किया जाएगा. सभी कांवरिये सुरक्षित पूर्वक बाबा को जलाभिषेक कर सके, इसके लिये सेवा दलों की टीम गरीबनाथ मार्ग और मुख्य द्वार पर मौजूद रहेगी. वे भक्तों को सुविधानुसार जलाभिषेक करायेगी. इसकी व्यवस्था भी मंदिर प्रशासन की ओर से की गयी है.
22 मेडिकल टीम की हुई तैनाती, अस्पताल अलर्ट
सावन में कांवरियों को लेकर जिला प्रशासन के निर्देश पर फकुली से गरीबनाथ मंदिर, मुशहरी और कुढ़नी में 22 मेडिकल टीम की तैनाती की गयी है. इसमें 56 डॉक्टर और 150 पारामेडिकल टीम की तैनाती की गयी है. इसके अलावा कैंप में एंबुलेंस भी रखा गया है. कैप में हर तरह की दवाएं रखी गयी है. शनिवार से सोमवार तक कैंप प्रभावी रहेगा. इसके अलावा अस्पताल भी अलर्ट मोड में है. सिविल सर्जन इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं. अगर किसी कांवरिये को तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़े तो इसके लिये भी पूरी व्यवस्था की गयी है.
भीड़ की होगी सीसीटीवी से निगरानी
रामदयालु से गरीबनाथ मंदिर तक कांवरियों की भीड़ का सीसीटीवी से निगरानी किया जाएगा और अधिकारी इसकी मॉनीटरिंग करेंगे. कांवरिया पथ पर ठहराव स्थल पर श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा नहीं हो, इसके लिये करीब एक दर्जन से अधिक मजिस्ट्रेट तैनात किये गये हैं. जगह-जगह पर सीसीटीवी लगाया गया है, जिससे भीड़ प्रबंधन की प्रभावी माॅनीटरिंग हो सके. हरिसभा से भीड़ बढ़ती है तो उसे जिला स्कूल मैदान में भेजा जायेगा. यहां जिक जैक से होकर कांवरिये गुजरेंगे और भीड़ कम होने के बाद ही यहां से कांवरियों को आगे बढ़ाया जाएगा.