वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर शहर की खराब हो रही आबोहवा की कई वजहें हैं. इसमें सड़क व नाला के साथ चल रहे बड़े-बड़े बिल्डिंगों का निर्माण भी एक बड़ी वजह है. ग्रीन कवर कर बिल्डिंगों का निर्माण करना है. लेकिन, शहर में कहीं कोई ग्रीन कवर नहीं किया गया है. इसको लेकर पॉल्यूशन बोर्ड ने कार्रवाई के लिए पत्र डीएम व नगर आयुक्त को लिखा है. पॉल्यूशन बोर्ड ने कार्रवाई के लिए जो पत्र लिखा है. इसमें शहर की आबोहवा को प्रदूषित कर रहे तीन दर्जन से अधिक नवनिर्मित बिल्डिंग की सूची भी दी है. नगर निगम के स्तर से भी शहर के विभिन्न हिस्से में निर्माण हो रहे 41 भवनों को चिह्नित किया गया है. नगर निगम, स्मार्ट सिटी सहित अन्य योजनाओं से जो सड़क व नाला का निर्माण चल रहा है. इसमें भी मानक का ख्याल रखते हुए निर्माण कराने का सुझाव दिया है. वर्तमान में शहर के स्टेशन रोड, लक्ष्मी चौक, सिकंदरपुर मन मरीन ड्राइव रोड सहित चक्कर मैदान इलाके में निर्माण चल रहा है. इन इलाके में पहले से ही काफी धूलकण है. निर्माण होने से स्थिति काफी खराब हो गयी है. पूरे दिन इन इलाके में धुंध जैसा दिखते रहता है. धूल के कारण चक्कर मैदान, यूनिवर्सिटी, नारायणपुर रोड, मिठनपुरा सहित आसपास के इलाके में तो लोगों को सुबह-शाम टहलना मुश्किल हो गया है. धूल के कारण अंधेरा जैसा दिखते रहता है. बॉक्स ::: हो रहा पानी छिड़काव, फिर भी फायदा नहीं नगर निगम की तरफ से शहर की सड़कों पर सुबह-शाम पानी का छिड़काव कराया जा रहा है. दो-दो वाटर स्प्रिंकलर गाड़ियां लगायी गयी हैं. लेकिन, पानी का छिड़काव रात्रि में होती है. इससे दिन में सड़कों पर धूल उड़ते रहता है. छिड़काव से भी कोई फायदा नहीं मिल रहा है. स्टेशन रोड में ज्यूडिशियल कॉलोनी के सामने बस स्टैंड तक काफी स्थिति खराब है. धूल के कारण इस रास्ते से चलना मुश्किल है. शहर के कई अन्य इलाके में काफी धूलकण उड़ रहा है. इससे भी लोगों को काफी परेशानी हो रही है. प्रदूषण कंट्रोल पर्षद को जो रिपोर्ट भेजी जा रही है, उसमें भी रोज पानी के छिड़काव का ही जिक्र है.
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