World Youth Skills Day: किसी क्षेत्र में कौशल हो तो उद्यम और व्यवसाय को सफल होने में बाधा नहीं आती. बिहार सरकार ने भी कई तरह के कौशल के लिये प्रशिक्षण केंद्र की सुविधा दी है. इससे युवाओं और महिलाओं को काफी फायदा मिला है. इसी कौशल की वजह से आज मुजफ्फरपुर जिले की कई महिलाएं और युवाओं ने अपना उद्यम या व्यवसाय शुरू किया और उसका विस्तार कर रहे हैं. इन उद्यमियों ने अपने हुनर से न केवल अपनी आर्थिक स्थिति सुधारी, बल्कि एक अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर रहे हैं.
महिलाओं और युवाओं को रोजगार का विकल्प देने में जीविका सहित राज्य सरकार की कई योजनाओं की भूमिका रही है. इसके माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण तो मिला ही. साथ ही उन्हें राेजगार के लिए लोन भी दिया गया. यहां ऐसे ही कुछ उद्यमियों और स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बनने वाले लोगों की कहानी रखी जा रही है.
10 लाख के लोन से शुरू किया बैग कलस्टर
बेला में वर्ष 2023 में बैग कलस्टर की शुरुआत की. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से मुझे 10 लाख मिले थे. पांच लाख खुद से लगायी. 15 लाख में बैग कलस्टर बना कर योजना की शुरुआत की. एक वर्ष के दौरान बैग निर्माण और बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई. अब 36 महिलाएं हमारे साथ काम कर रही हैं. एक महीने में सात हजार बैग का निर्माण किया जा रहा है. यहां के बने बैग विभिन्न मॉल में सप्लाई होती है. बिहार से बाहर भी हमारा बैग जाता है. हमलोग हर तरह के बैग बना रहे हैं. क्वालिटी अच्छी होने के कारण इसकी मांग अच्छी है. बैग निर्माण योजना शुरू करने से पहले मैंने मड़वन में जीविका की तरफ से प्रशिक्षण लिया था. फिर हाई स्पीड मुंबई की कंपनी द्वारा पटना में प्रशिक्षण दिया गया. उसमें बताया गया कि बिजनेस कैसे शुरू करें. इसके विस्तार पर भी विचार कर रही हूं. अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो तो करना मुश्किल नहीं होता. सही दिशा और बेहतर प्रबंधन से किसी भी बिजनेस को आगे बढ़ाया जा सकता है. जीविका इस कार्य में अच्छी भूमिका अदा कर रहा है. इससे कई महिलाएं स्वावलंबी हो रही हैं
– नीलम कुमारी, बेला
जीविका समूह से लोन लेकर खोली खाद-बीज की दुकान
जीविका के समूह से दो बार लोन लेकर मुश के प्रह्लादपुर में खाद-बीज की दुकान की शुरुआत की. लाेन के अलावा कुछ राशि खुद से लगानी पड़ी. अभी दुकान शुरू किये हुये छह महीना ही बीता है, लेकिन प्रोग्रेस अच्छा है. लोन लेने से पहले जीविका की ओर से ट्रेनिंग हुआ था. इसके बाद जनता फाउंडेशन ने भी 21 दिनों का ट्रेनिंग दिया. लाइसेंस लेने में छह महीने लगे, उसके बाद इस व्यवसाय की शुरुआत की. इस व्यवसाय की शुरुआत की. खाद-बीज दुकान का मुझे पहले से आइडिया था, इसलिये इस व्यवसाय को चुना. अच्छा बीज और खाद का सही दर रखने के कारण व्यवसाय चल रहा है. केंद्र व राज्य सरकार में नौकरी की कमी है, इसलिये कौशल बहुत जरूरी है. इससे महिला या पुरुष अपना व्यवसाय खुद कर सकते हैं. मैंने भूगोल से स्नातक किया, लेकिन नौकरी की अपेक्षा व्यवसाय को प्राथमिकता दी. ईमानदारी और मेहनत के बल पर इस व्यवसाय को स्थापित किया. प्रशिक्षण लेकर कोई भी उद्यम या व्यवसाय शुरू किया जाये तो उसमें घाटा लगने की संभावना नहीं के बराबर होती है.
– चंचल कुमारी, प्रह्लादपुर, मुशहरी
पत्तल उद्योग लगाया, बेहतर प्रबंधन से मिली सफलता
बैंक से 50 हजार लोन लेकर वर्ष 2015 में पत्तल उद्योग की शुरुआत की थी. कुछ दिनों के अंदर थाली और पत्तल की डिमांड बढ़ने लगी. मुजफ्फरपुर के बाहर इसकी सप्लाई होती है. उद्योग लगाने से पहले मैंने इसके बारे में पूरी जानकारी ली और इसके मार्केट को समझा. इसके बाद उद्योग की शुरुआत की. इस उद्योग के नौ वर्ष हो गये हैं. जब नया स्टार्टअप शुरू करने पर कुछ दिनों तक धैर्य के साथ काम करना पड़ता है. बेहतर प्रबंधन से हम अपने उद्योग को स्थापित कर सकते हैं. आज केंद्र व बिहार सरकार की ओर से कई योजनाएं चल रही हैं. युवा किसी क्षेत्र में कौशल प्राप्त कर उन योजनाओं से अपना उद्यम या व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. इससे नौकरी पर निर्भरता कम होगी और युवा स्वरोजगार की दिशा में अपना कदम बढ़ायेंगे. ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब कई तरह की कौशल योजनाएं चल रही है, जिससे युवाओं को फायदा मिल रहा है. गृहिणियां भी इस कौशल का लाभ उठाकर अपना उद्यम और व्यवसाय खड़ा कर रही हैं.
– संजय कुमार, दामोदरपुर
कोराना में फैक्ट्री बंद होने पर भी नहीं मानी हार
वर्ष 2016 में जीविका समूह से 20 हजार लोन लेकर और कुछ अपने पास से रुपये मिला कर लेमनचूस की छोटी-सी फैक्ट्री लगायी. लेकिन वह कोरोना काल में बंद हो गया, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी. होलसेल मार्केट से लेमनचूस और मक्सचर का उठाव कर दुकानों में सेल करने लगी. इससे आर्थिक स्थिति कुछ ठीक हुई. मेरे अलावा पति भी इस काम में जुटे हुये हैं. अब फिर से लेमनचूस फैक्ट्री लगाने की योजना है. अब अपनी आमदनी से व्यवसाय को आगे बढ़ा रही हूं. फैक्ट्री बंद होने के बाद भी मैंने हिम्मत नहीं हारी. अब दोगुने उत्साहा से मेहनत कर रही हूं. मेरी मेहनत आज सफल हो रही है. मेरी तरह कई महिलाएं छोटे लोन की राशि से अपना उद्यम और व्यवसाय शुरू की हैं, इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी है.
– रेखा देवी, मणिका बिशुनपुर
मसाला उद्योग लगा कर बनी आत्मनिर्भर
जीविका के सहयोग से मैंने एक साल पहले मसाला उद्योग शुरू किया. उस वक्त मुझे इस उद्योग के लिये दो लाख लोन मिला था. मैंने उस राशि से उद्योग लगाया और अपना ब्रांड भी बनाया. एक साल में ही मेरे ब्रांड की प्रखंड में पहचान हो गयी. मेरा मसाला अब पूरे प्रखंड में जाता है. हर महीने 15 से 20 क्विंटल हल्दी, धनिया और मिर्च पावडर का पैकेट निकल रहा है. मैंने जब उद्यम लगाया था तो मन में संशय था कि मसाला उद्योग नहीं चलेगा तो लोन की राशि कैसे चुकाऊंगी, लेकिन मैंने ईमानदारी और मेहनत से काम करना शुरू किया. अपने प्रोडक्ट को अच्छा बनाया. कम मुनाफे में ही इसकी मार्केटिंग करने लगी. इससे मसाला का प्रसार बढ़ा. आज हमारा मसाला प्रखंड के अलावा दूसरे जगहों पर भी जाता है. जीविका के सहयोग से आत्मनिर्भरता मिली है. कौशल की बदौलत मैं अपने उद्योग में सफल हो पाई हूं
– सुनीता कुमारी, बेरुआ, सकरा
Also Read: बिहार के 31 जिलों में विकसित होंगे औद्योगिक क्षेत्र
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत आप भी ले सकते हैं लाभ
बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा राज्य में नए उद्यम को बढ़ावा देने के लिए तथा बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु बिहार मुख्यमंत्री उद्यमी योजना को शुरूआत की गयी है. बिहार मुख्यमंत्री उद्यमी योजना को मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना, अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना, महिला उद्यमी योजना, युवा उद्यमी योजना और अल्पसंख्यक उद्यमी योजना के नाम से भी जाना जाता है.
इस योजना के तहत नए उद्यम लगाने के लिए बिहार सरकार द्वारा राशि दी जाती है जो की अधिकतम 10 लाख तक की होती है. इसमें से 50 फीसदी अनुदान दिया जाता है और 50 फीसदी ब्याज रहित ऋण होता है. इसके अलावा सरकार द्वारा युवाओं को कई अन्य लाभ भी दिए जाते हैं. इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1 जुलाई से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई है. इच्छुक उम्मीदवार विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय आवेदक को जरूरी दस्तावेज जरूर अपलोड करने होंगे.
आवेदन करने हेतु निम्न दस्तावेज जमा करने होंगे
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- आयु प्रमाण पत्र
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र
- पैन कार्ड
- संगठन प्रमाण पत्र
- हस्ताक्षर किया हुआ नमूना
- रद्द किया या कैंसिल हुआ चेक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता पासबुक