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Vishwa Shanti Stupa का 55वां वार्षिकोत्सव , इंटीग्रेटेड बिल्डिंग का होगा उद्घाटन, CM नीतीश होंगे शामिल

Vishwa Shanti Stupa: राजगीर भारत-जापान मैत्री के प्रतीक और बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र है. यहां स्थित विश्व शांति स्तूप का आज 55वां वार्षिकोत्सव है. इस मौके पर भव्य समारोह का आयोजन हो रहा है. जिसका उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे.

Vishwa Shanti Stupa: राजगीर भारत-जापान मैत्री के प्रतीक और बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र है. यहां स्थित विश्व शांति स्तूप का आज 55वां वार्षिकोत्सव है. इस मौके पर भव्य समारोह का आयोजन हो रहा है. जिसका उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. इस मौके पर समारोह में जापान, थाईलैंड, म्यांमार सहित कई एशियाई देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

जापानी बौद्ध मंदिर के भिक्षुवों का कहना है कि ‘इस अवसर के लिए स्तूप की विशेष सजावट की गई है. स्तूप को नए सिरे से सफेद रंग का उपयोग कर रंगा गया है. परिसर में व्यापक स्तर पर सफाई अभियान भी चलाया गया है.

रोपवे के पास इंटीग्रेटेड बिल्डिंग का होगा उद्घाटन

इस कार्यक्रम में रोपवे के पास नवनिर्मित इंटीग्रेटेड बिल्डिंग का उद्घाटन किया जाएगा. समारोह में पर्यटन और उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा, सीजी के. के. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के अध्यक्ष अत्सुहीरो होरिउची और CEO केंसूके होरिउची की भी उपस्थिति होगी.

जापानी बौद्ध भिक्षु का दल बोधगया से पहुंचा राजगीर

बता दें कि बोधगया से एक पदयात्री दल, जिसमें जापानी बौद्ध भिक्षु शामिल हैं वे सभी गुरुवार को राजगीर पहुंच गए हैं. राजगीर का ऐतिहासिक महत्व इसलिए भी है कि भगवान बुद्ध ने यहां कई सालों तक निवास किया था. साथ ही कई महत्वपूर्ण उपदेश भी दिए. यहीं पर उनका महापरिनिर्वाण हुआ जिसके बाद प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन हुआ था.

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अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है 16 करोड़ से बना इंटीग्रेटेड भवन

बिहार पर्यटन विभाग ने साल 2022 में 16 करोड़ रुपए की लागत से इंटीग्रेटेड भवन निर्माण का काम शुरू किया था. इस भवन में देसी-विदेशी पर्यटकों को एक ही छत के नीचे सारी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी. इस भवन को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है. जिसमें 19 दुकानें स्थापित की गई हैं. इनमें से कुछ जीविका दीदियों को आर्ट एंड क्राफ्ट के लिए आवंटित किया जाएगा. प्रथम तल पर छह खाद्य दुकानें और एक केंद्रीय टिकट काउंटर की व्यवस्था की गई है, जहां से रोपवे और घोड़ा कटोरा के लिए टिकट प्राप्त किया जा सकेगा.

इस बहुमंजिला भवन में आधुनिक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है. लिफ्ट, अलग-अलग महिला-पुरुष शौचालय, विस्तृत पार्किंग स्थल के साथ-साथ विभिन्न वाहनों के लिए अलग-अलग स्टैंड बनाए गए हैं. परिसर के बाहर टमटम स्टैंड की भी विशेष व्यवस्था की गई है.

1978 में हुआ था विश्व शांति स्तूप का निर्माण

बताया दें कि, विश्व शांति स्तूप का निर्माण 25 अक्टूबर 1978 को जापानी बौद्ध भिक्षु फुजाई गुरुजी के प्रयासों से हुआ था. यह स्थल न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यहीं से भगवान बुद्ध ने विश्व को शांति का संदेश भी दिया था. प्रत्येक साल की भांति इस साल भी विश्व भर से आने वाले बौद्ध भिक्षु इस पवित्र स्थल पर पूजा-अर्चना करेंगे.

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