पूर्णिया (इन्देश्वरी यादव). जिले के भवानीपुर प्रखंड क्षेत्र के सुपौली पंचायत के सुपौली स्थान में लगभग 200 वर्षों से अधिक से आपरूपी मां भगवती की पूजा अर्चना की जा रही है. इस भगवती मंदिर में कलश स्थापना होते ही श्रद्धालुओं का उमंग बढ़ गया है.
बुजुर्गों ने बताया सुपौली भगवती मंदिर के नाम पर ही पंचायत का नाम सुपौली रखा गया है. मंदिर के उत्तरी भाग में कदई धार के जल के ऊपर मां भगवती विराजमान थी .एक रात ब्रह्मज्ञानी निवासी स्वर्गीय बाबूलाल ठाकुर को स्वप्न दिए कि मैं कदई धार में अवस्थित हूं .यहां से मुझे ऊपर ले जाकर कहीं स्थापना कर मेरी पूजा अर्चना करो.स्वप्न की बात सुबह उठकर अपने सभी भाइयों के बीच चर्चा की .भाइयों के बीच चर्चा के बाद गांव के जमींदार बाबूजन बाबू के पास जाकर चर्चा की गई. जमींदार से चर्चा के बाद इस बातों की चर्चा ग्रामीणों के बीच की. जमींदार बाबूलाल ठाकुर के सभी भाई एवं ग्रामीण ने मिलकर मां भगवती की मूर्ति को कदई धार से बाहर निकाला.
पूर्णिया के अलावे कटिहार ,मधेपुरा, सहरसा, अररिया के साथ- साथ अन्य जिलों के श्रद्धालु भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है. खासकर दुर्गा पूजा में जिन श्रद्धालुओं की मन्नते पूरी हो गई है वे पूजा अर्चना के साथ साथ छागर की बलि देना नहीं भूलते हैं . पंचायत की मुखिया अनोखा देवी बताती हैं कि इस मंदिर की पूजा अर्चना के साथ-साथ मंदिर की देखभाल एक ही वंशज के लोग करते आ रहे हैं . इस पंचायत के सभी समुदाय के लोग व्यवस्था में तत्पर रहते हैं. वहीं, थानाध्यक्ष सुजीत कुमार ने बताया कि मेला को लेकर पुलिस पदाधिकारी दल बल के साथ तैनात की जाती है.