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नवादा में 4 पैर और 4 हाथ वाली बच्ची को लेकर मदद के लिए भटक रहा पिता, इलाज के लिए नहीं है पैसे

बिहार के नवादा में ढाई साल की बच्ची के इलाज के लिए एक पिता दर दर भटक रहा है. बच्ची दिव्यांग है और जन्म से ही उसके चार पैर और चार हाथ है. बच्ची के इलाज के लिए पिता के पास पैसे नहीं है.

बिहार के नवादा में मां की गोद में एक दिव्यांग बच्ची को देखने के लिए लोगों की भीड़ जूट गई है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि जन्म से ही ढाई साल की बच्ची के कमर के हिस्से से दो हाथ और दो पैर जुड़े हैं. जबकि बाकी के दोनों हाथ और पैर नॉर्मल है. बच्ची वारिसलीगंज प्रखंड के हेमदा गांव की रहने वाली है.

इलाज के लिए नहीं है पैसे

यह मामला उस वक्त चर्चा में आया जब बच्ची के माता पिता उसे लेकर नवादा के कचहरी रोड में एसडीओ कार्यालय पहुंचे. बच्ची के मां बाप मदद के लिए गुहार लगा रहे है. लेकिन वह जहां भी जा रहे है बच्ची लोगों के लिए एक जिज्ञासा का विषय बन जा रही है. परिवार को अब जिलाधिकारी से मदद की दरकार है ताकि बच्ची एक सामान्य जिंदगी जी सके. इससे पहले अस्पताल ने पैसे के अभाव में ऑपरेशन करने से मना कर दिया था.

बच्ची जन्म से ही दिव्यांग है 

बता दें की बच्ची का नाम चहुंमुखी कुमारी है. उसके पिता का नाम बसंत कुमार और मां का नाम ऊषा देवी है, जो वारसलीगंज प्रखंड के हेमदा पंचायत के निवासी हैं. उन्होंने बताया कि बच्ची जन्म से ही ऐसी है. ऑपरेशन के लिए अस्पताल ले गए थे, लेकिन पैसों के अभाव में डॉक्टर ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया. जिसके बाद वह निराश होकर बेटी के साथ घर वापस लौट आए. दंपति का एक 11 साल का बेटा भी दिव्यांग है.

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पिता करते हैं मजदूरी 

बच्ची के पिता का कहना है की वह मजदूरी करते हैं और उसी से किसी तरह परिवार का भरण पोषण होता है. ऐसे में वह अपनी बच्ची के इलाज के लिए रुपये कहां से लाएंगे. उन्हें तो बस अब प्रशासन से मदद की उम्मीद है. उन्होंने यह भी बताया की उनके परिवार में पाँच लोग हैं जिसमें से चार दिव्यांग है.

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