नवादा कार्यालय. मोबाइल पर कब, किस नाम पर साइबर ठगी के लिए कॉल आ जाये, शायद ही किसी को पता नहीं. विभिन्न फाइनेंस कंपनियों से सस्ते दर पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी करना, तो आम बात हो है. लेकिन, वारिसलीगंज के अपसढ़ गांव से पकड़े गये आठ साइबर अपराधियों ने जो कुछ बताया, इसे सुन सबों के होश उड़ गये. साइबर थानाध्यक्ष सह पुलिस उपाधीक्षक प्रिया ज्योति ने साइबर थाने में प्रेसवार्ता में बताया कि सूचना पर एसपी निर्देश पर एसआइ रविरंजन व निलेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआइटी गठित कर छापेमारी की गयी. साइबर अपराधी वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के अपसढ़ गांव के पश्चिम कन्हैया ईंट-भट्ठे पर इकट्ठा जमीन के टीले पर ठगी कर रहे थे. उनककी घेराबंदी कर आठ साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार अपराधियों में नवादा, गया व शेखपुरा जिले के अपराधी शामिल हैं. उन्होंने बताया हैं कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों पूछताछ में बताया है कि विभिन्न फाइनेंस कंपनी के नाम से ठगी के अलावे कैश ऑन डिलिवरी, ऑनलाइन शॉपिंग फ्लिपकार्ट साइट से खरीदारी करने वालों की पूरी जानकारी इकठ्ठा करके ऑडर करनेवाले व्यक्तियों को प्रोडक्ट की जानकारी देकर विश्वास में लेकर तकनीकी गड़बड़ी की बात कहकर कैश पेमेंट करा कर ठगी करने की बात स्वीकार की है. गिरफ्तार अपराधियों की पहचान थाना क्षेत्र के अपसढ़ गांव निवासी टुन्नी मिस्त्री के बेटे कारू कुमार, संजय झा के बेटे विकास झा, चंदर राम के बेटे दिनेश कुमार व पैगरी गांव निवासी विपिन राउत के बेटे सुमित कुमार, अकबरपुर थाना क्षेत्र के पैजना गांव निवासी सुरेंद्र राउत के बेटे राहुल कुमार, काशीचक के बजरंगी बिगहा गांव निवासी दशरथ राउत के बेटे विपिन कुमार के अलावा गया जिले के बेलागंज थाना क्षेत्र के विंदासपुर गांव निवासी पवन झा के बेटे पिंटू कुमार, शेखपुरा जिले के शेखूपुर सराय थाना क्षेत्र महबबतपुर गांव निवासी संजय सिंह के बेटे अमित कुमार के रूप में हुई हैं. सभी गिरफ्तार साइबर अपराधियों की विरोध साइबर थाना कांड संख्या 6/25 की तहत बीएनएस की विभिन्न धाराओं में ठगी की विभिन्न साक्ष्य के साथ प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. गौरतलब है कि साइबर ठगी के मामले में झारखंड की जामताड़ा एक समय काफी अव्वल था. लेकिन, इन दिनों नवादा जिले के कुछ इलाके जामताड़ा को भी काफी पीछे छोड़ दिया है. शायद कोई दिन होगा जिस दिन जिले की किसी हिस्से में साइबर अपराध के नाम पर कार्रवाई नहीं होती होगी. ऐसे तो जिले की पुलिस के अलावा देश की विभिन्न राज्यों की पुलिस की भी दस्तक रहती हैं. इसी सप्ताह वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के झौर गांव से तीन साइबर अपराधियों के पास ठगी के मध्यप्रदेश पुलिस ने करीब 23 लाख रुपये बरामद किया था. ऐसे दूसरे राज्य की पुलिस छापेमारी में रुपये बरामद होते हैं, लेकिन जिले की साइबर पुलिस की कार्रवाई में साक्ष्य मिलते है लेकिन राशि बरामद नहीं होना कई सवाल खड़ा कर रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है