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चमकी बुखार से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

गर्मी के दिनों में बच्चे अक्सर चमकी बुखार के चपेट मे आ जाते हैं. इससे नुकसान उठाना पड़ता है. हर साल चमकी बुखार से अनेक बच्चा मौत के गाल में समा जाते हैं.

नवादा कार्यालय. गर्मी के दिनों में बच्चे अक्सर चमकी बुखार के चपेट मे आ जाते हैं. इससे नुकसान उठाना पड़ता है. हर साल चमकी बुखार से अनेक बच्चा मौत के गाल में समा जाते हैं. परंतु इस बार स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. और आम लोगों के साथ मिलकर चमकी को धमकी दे रहा है. एक्यूट एनसेफलाइटीस सिंड्रोम /एइएस यह एक प्रकार की मस्तिष्क ज्वर होता है. जो इम्यूनिटी को कमजोर कर देते हैं. शरीर में झटके आते हैं तथा शरीर में तेज बुखार रहता है. हालांकि, चमकी बुखार की मैरिज दक्षिण बिहार में नहीं है, नहीं मिलते हैं. फिर भी सदर अस्पताल इससे लड़ने के लिए तैयार है. चाइल्ड स्पेशलिस्ट सुप्रसिद्ध डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि बच्चों को दिन में तीन से चार बार भोजन कराएं, नियमित अंतराल पर पानी पिलाए, धूप में जाने से रोके, सड़ा-गला फल देने बच्चों को न दें. इन सब चीजों से चमकी बुखार से बचाव किया जा सकता है बुखार कम करने के लिए टाइलेनौल, इबुप्रोफेन दिया जा सकता है. इस बार स्वास्थ्य विभाग ने चमकी से लड़ने के लिए कमर कस लिया है. इसके तहत विभाग ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि बच्चे को कभी भी खाली पेट नहीं सुलावे, सोने से पहले बच्चे को भरपेट खाना जरूर खिलाएं. जब कभी नींद टूटे तो बच्चे की देखभाल करें की कहीं बुखार से तो पीड़ित नहीं है. और वह बेहोश तो नही है इसकी देख रेख करते रहें. और आदि बच्चे को चमकी बुखार की आसंका हो या बच्चे बेहोस हो तो तुरंतु 102 पर फोन कर एंबुलेंस बुलावा अथवा तुरंतु नजदीकी अस्पताल ले जाए. इस प्रकार से चमकी पर विजय प्राप्त किया जा सकता है.

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