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आज खुलेगा माता का नेत्र पट, उमड़ेंगे श्रद्धालु

सार्वजनिक पूजा पंडालों को कारीगर अंतिम रूप देने में जुटे हैं.

नवादा नगर. जिले में नवरात्र के छठे दिन मां की बेल निमंत्रण पूजा की गयी. इसके साथ ही मां दुर्गा का नेत्र पट खोलने के लिए माता को निमंत्रण भी दिया गया. नियमों के अनुसार पुरोहित माता को आमंत्रण देंगे. इसके बाद सप्तमी पर को पट खोला जायेगा. वैसे, रेलवे कलोनी में एक दिन पहले पट खोला जाता है. यहां बंगाली पद्धति से मां की पूजा की जाती है. पंडितों के अनुसार, मंगलवार की सुबह से ही सार्वजनिक पूजन स्थलों पर मां की पूजा शुरू की गयी. इधर, मंगलवार को नवरात्र के पांचवें दिन मां के स्कंदरूप की पूजा की गयी. सुबह से ही मंदिरों में पूजा के लिए भक्तों की भीड़ लगी रही. दुर्गा सप्तशती के पाठ के बीच भक्तों ने पूजा-उपासना की. यह सिलसिला दोपहर तक चला. भक्तों ने माता की पूजा अर्चना कर दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा आदि का पाठ किया. घरों में माता के जयकारे की गूंज होती रही. भक्तों ने माता से सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की. शाम में मंदिरों में दीप जलाने के लिए महिलाओं का तांता लगा रहा. बाद में अलग-अलग मंदिरों व पूजन पंडालों में देवी दुर्गा की महाआरती की गयी जिसमें भक्तों ने आस्था के साथ भागीदारी निभायी. इस बीच शहर के कई सार्वजनिक पूजा पंडालों को कारीगर अंतिम रूप देने में जुटे हैं. स्टेशन रोड, इंदिरा चौक समेत कई अन्य पूजन स्थलों पर माता के साज-शृंगार का काम लगभग पूरा हो चुका है. रेलवे कॉलोनी में बांग्ला विधि से आज बुधवार को मां की पूजा की जायेगी. महिलाएं इस दिन उपवास सह व्रत रखेंगी और शाम में फलाहार करेंगी. मान्यता के अनुसार यह पूजा महिलाएं ही करती हैं. पंडित प्रकाश पांडेय ने बताया कि षष्ठी तिथि पर मां की बेल निमंत्रण पूजा की गयी. इस कारण भक्तों की भीड़ के साथ मंदिरों में चहल-पहल बढ़ गयी थी. नवरात्र करने वाले लोगों ने मंदिरों में आकर मां दुर्गा के दर्शन किये. कई घरों में दुर्गा पाठ भी शुरू किया गया. इन्होंने बताया कि नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है. मां कात्यायनी शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की छठी अवतार हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि मां कात्यायनी, कात्यायन ऋषि की पुत्री थीं. इसके कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा. मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी मानी गयी हैं. ऐसी मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा की जाए, तो विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. कोई भी भक्त अगर सच्चे मन से मां की आराधना करें, तो मां की आज्ञा से व्यक्ति को चक्र जाग्रति की सिद्धियां मिल जाती हैं. सिर्फ यही नहीं, व्यक्ति रोग, शोक, संताप और भय से भी मुक्ति पाता है.

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