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जमीन अधिग्रहण के खिलाफ सड़क पर उतरे ग्रामीण

पब्लिक-पुलिस प्रशासन आमने-सामने, गंगाजल आपूर्ति योजना फेज-दो के लिए जमीन का हो रहा अधिग्रहण

नवादा कार्यालय. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट गंगाजल आपूर्ति योजना फेज-02 के लिए जमीन अधिग्रहण प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है. नारदीगंज प्रखंड के मोतनाजे व मधुवन गांव में भूमि का अधिग्रहण को लेकर ग्रामीण सड़क पर उतरकर प्रर्दशन शुरू कर दिये हैं. शनिवार शाम से ही ग्रामीण गांव की सड़क पर निकलकर बैठ गये. सभी सरकार के द्वारा जमीन अधिग्रहण किये जाने के प्रयास का विरोध कर रहे हैं. गंगाजल आपूर्ति योजना के पहले चरण में वाटर संग्रहण क्षेत्र का निर्माण मोतनाजे गांव के ही पहाड़ी के पास किया गया है, जबकि दूसरे चरण में गांव के पहाड़ी के दूसरे हिस्से का उपयोग करने के लिए ग्रामीणों की 141.03 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है. ग्रामीण अपने गांव की जमीन नहीं देने को लेकर प्रर्दशन कर रहे हैं. सितंबर महीने से ही अधिग्रहण का हो रहा प्रयास सितंबर महीने में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने तत्कालीन डीएम आशुतोष कुमार वर्मा को अधिग्रहण करने के लिए ग्रामीणों की सूची बनाकर अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था. गंगाजल आपूर्ति योजना फेज-02 के लिए मधुवन जलाशय का निर्माण कार्य करना है. मधुवन जलाशय के निर्माण के लिए मधुवन व मोतनाजे गांव में भू-अर्जन की प्रक्रिया से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रशासन से दावे किये जा रहे हैं. लेकिन, यह वादा कितना सच्चा होगा यह देखने की बात है. प्रशासन की ओर से निकटतम स्थल का चयन करके प्रभावित परिवार को देने की बात कही जा रही हैं. प्रधान सचिव ने जिला में हुए बैठक में प्रभावित परिवारों के लिए एक मॉडल विलेज का निर्माण बनाने का दावा भी किया गया था, जिसमें सभी मूलभूत सुविधाएं रहेंगी. गंगाजल आपूर्ति योजना के फेज वन के तहत राजगीर, गया, बोधगया और नवादा में गंगाजल की आपूर्ति की जा रही है. आमजनों को प्रत्येक 135 लीटर प्रति व्यक्ति पानी मिल रहा है. दूसरे फेज के निर्माण के बाद और अधिक लाभ मिलना है. अपनी जमीन देने को नहीं मान रहे ग्रामीण मधुवन व मोतनाजे गांव में भू-अर्जन के बाद प्रशासन द्वारा पुनर्वास का दावा किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं. स्थानीय ग्रामीण धर्मशाीला देवी, सुनीता कुमारी, राजीव रंजन कुमार, संजय यादव आदि ने कहा कि हमलोग कई पीढ़ीयों से गांव में रहकर जीवन यापन कर रहे हैं. प्रशासन की ओर से पूरे गांव को खाली कराया जा रहा है. हमें नये जगह पर नहीं जाना है. हमलोग आत्मदाह कर लेंगे पर अपने बाप दादा की जमीन को नहीं छोडेंगे. सरकार के वादों का कोई मायने नहीं है. प्रशासन के द्वारा रजौली के हरदिया में डैम बनाने के लिए विस्थापित हुए लोगों को उनकी हाल पर छोड दिया गया है. बड़ी आबादी डैम के दूसरी तरफ होने के कारण बिना सुविधा के जीवन जीने को विवश हैं. जिला प्रशासन के अलावे सिंचाई प्रमंडल बिहार शरीफ के कार्यपालक अभियंता भी इस संबंध में पत्र जारी करके जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजे की राशि, पुनर्वास आदि देने का दावा कर रहे हैं. परियोजना से जुड़ी मुख्य बातें -परियोजना का नाम- गंगाजल आपूर्ति योजना द्वितीय चरण के प्रथम पार्ट के अंतर्गत मधुवन जलाशय (27 एमसीएम) का निर्माण कार्य -गांव का नाम- मुतनाजे – भू-अर्जित किये जाने वाले सभी भूखंडों की संख्या – 277 – अधिग्रहण होने वाले कुल क्षेत्रफल 141.03 एकड़ -अर्जित किये जाने वाले कुल क्षेत्रफल की चौहदी – उत्तर पहाड़, दक्षिण पंचाने नदी, पूरब जलशोधन संयत्र, पश्चिम मधुवन

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