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बिहार में गरीबी तेजी से कैसे कमी? नीति आयोग की रिपोर्ट पर जानिए सियासी दिग्गजों के दावे…

नीति आयोग की रिपोर्ट में गरीबी से उबरने की रफ्तार में बिहार को सबसे आगे बताया गया तो इसपर सियासी घमासान भी छिड़ गया है. बिहार सरकार और केंद्र सरकार के नेताओं के द्वारा अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. जानिए क्या है रिपोर्ट और क्या कहते हैं नेता..

नीति आयोग की रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले पांच सालों में देश में गरीबी से उबरने की रफ्तार में बिहार सबसे आगे है. यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में गरीबों की संख्या में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गयी है. सोमवार को नीति आयोग ने ‘राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक: एक प्रगति संबंधी समीक्षा 2023’ जारी की. जिसमें ये जानकारी दर्ज है. वहीं इस जानकारी के बाहर आते ही अब सियासी घमासान मचा हुआ है. बिहार सरकार और भाजपा के नेता बिहार की प्रगति को लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं.

बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी बोले..

राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी से प्रभात खबर ने बातचीत की. विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विकास के मानकों पर बिहार ने अपनी विश्वसनीयता कायम की है, तब भी हम गरीब के गरीब रह जा रहे. बिहार के मुख्यमंत्री इन्हीं कारणों से लगातार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं. प्रभात खबर ने भी इस मुहिम में साथ दिया है. राज्य ब्यूरो प्रमुख मिथिलेश ने उनसे बातचीत की..

शराबबंदी का कितना योगदान?

मंत्री विजय कुमार चौधरी से जब सवाल किया गया कि इसमें शराबबंदी का भी योगदान रहा तो मंत्री ने कहा कि यह स्वभाविक है कि जिस काल के आंकड़ों पर तुलनात्मक निष्कर्ष निकाला गया है, उसमें यह साफ झलकता है बिहार की इस सफलता में शराबबंदी का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरीके का असर रहा है. शराब पीने वालों का परिवार हमेशा अशांत और कर्ज में डूबा रहा है. अब तो पैसे का दुरुपयोग और कर्ज, यह सब रूक गया. इससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया और कर्ज की बोझ से भी उबरे हैं. रोजगार और स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाया है. सरकार की ओर से शराब छोड़ने वालों के लिए शुरू की गयी सतत जीविकोपार्जन योजना और सीएम उद्यमी योजना का लाभ ऐसे परिवारों को मिला है. इसमें दो राय नहीं कि सरकार की इन्हीं योजनाओं के साथ शराबबंदी का सकारात्मक असर दिखा है.

ग्रामीण क्षेत्रों की उपलब्धि बेमिसाल साबित हुई- बोले विजय चौधरी

मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि नीति आयोग के आंकड़ों से यह साफ हो गया कि बिहार की ग्रामीण क्षेत्रों की उपलब्धि बेमिसाल साबित हुई है. ग्रामीण इलाकों में सबसे अधिक सुधार दिखा है. देश में ग्रामीण इलाकों में जो गरीबी दूर हुई उसमें सबसे अधिक भागीदारी बिहार की 19 प्रतिशत से भी अधिक आंकी गयी है. पूरे देश में गरीबी रेखा से उपर आये करीब 16 प्रतिशत बिहार से हैं. यह बड़ी उपलब्धि है. राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए सड़क, बिजली, पानी की ठोस व्यवस्था की है. यह सब इसी का प्रतिफल है. सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को भी दुरुस्त किया है. यह भी एक कारण है. इनके अलावा अस्पताल और स्कूलों की बेहतरी भी बिहार के ग्रामीण इलाकों की जीवन शैली में सुधार लायी है.

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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग

मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार अपने सीमित संसाधनों के बाद भी अपने दम पर विकास की कई सारी योजनाओं को निरंतर चला रहा है, जो राज्य से गरीबी हटाने के प्रमुख कारक बने हें. यदि और भी संसाधन हमारे पास होता तो विकास के मामले में बिहार और भी अधिक बेहतर पोजिशन में होता. इसीलिए हम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और अधिक मात्रा में केंद्रीय सहायता मांगते हैं. ताकि बिहार अपनी जरूरतों को पूरा कर सके और विकसित राज्यों की कतार में खड़ा हो सके.

मंत्री विजय चौधरी ने केंद्र सरकार को घेरा

मंत्री विजय चौधरी ने केंद्र सरकार को घेरा और बोले कि केंद्र और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से बिहार को मदद कम मिलती है. यही हमारे लिए परेशानी का कारण है. केंद्र का सपोर्ट नहीं के बराबर है. केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए केंद्रांश भी बिहार को खुद वहन करना पड़ रहा है. समग्र शिक्षा योजना इसका उदाहरण है. 2023-24 के साढ़े तीन महीने से अधिक का समय बीत चुके हैं, केंद्र सरकार ने इस मद में एक रुपया बिहार को नहीं दिया. हम अपने संसाधनों से तीन लाख शिक्षकों को समय पर वेतन दे रहे है.

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का दावा

वहीं इस रिपोर्ट पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के नौ वर्षों में गरीब कल्याण की अनेक योजनाएं बिहार सहित देश के हर राज्य में चलायी जा रही हैं. इसी के परिणाम स्वरूप हम देख रहे हैं कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे अधिक 18.13 प्रतिशत गरीबी बिहार में घटी है. मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश के 13.51 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आये हैं, जिनमें 2.25 करोड़ लोग अकेले बिहार से हैं. मोदी सरकार की योजनाओं के केंद्र में गरीब का कल्याण निहित है.

मोदी सरकार की नीतियों को नित्यानंद राय ने दिया श्रेय

नित्यानंद राय ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों में गरीबों व वंचितों को प्राथमिकता दी गयी है. इसका परिणाम है कि दुनिया के अनेक रिपोर्ट्स ने बताया है कि भारत में गरीबी कम हुई है और गरीबों का जीवन स्तर बेहतर हुआ. इसलिए बिहार की जदयू और राजद सरकार गरीबी कम होने में अपनी पीठ थपथपाना और झूठा श्रेय लेना बंद करे. बिहार के गरीबों के जीवन में बदलाव केंद्र की मोदी सरकार की गरीब हितैषी योजनाओं और नीतियों के कारण हुआ है. मोदी सरकार की मुद्रा योजना के तहत लाखों युवाओं को आसान ऋण मिलने से रोजगार व स्वरोजगार के अवसर खुले हैं. मोदी सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं का लाभ बिहार की गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचा है.उन्होंने कहा कि बिहार के करोड़ों लोगों के जीवन स्तर में आये बदलाव की वजह केंद्र की मोदी सरकार के पिछले नौ साल का कार्यकाल है.

प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही संभव हुआ- सुशील मोदी का दावा

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद अगले ही वित्तीय वर्ष से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार जैसे पिछड़े राज्यों के विकास में पूरी ताकत लगा दी, इसलिए उदार केंद्रीय सहायता और नयी- नयी कल्याणकारी योजनाओं में भारी निवेश से 16 फीसदी लोग गरीबी रेखा से ऊपर आये. इसका लाभ सबसे ज्यादा बिहार को मिला. उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट यह प्रमाणित करती है मोदी-सरकार के नौ साल में बिहार गरीबी दूर करने में सबसे आगे रहा. यह बदलाव केंद्र सरकार के बिना नहीं, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी की वजह से ही संभव हुआ. सुशील मोदी ने कहा कि नौ साल में ग्रांट इन एड (सहायता अनुदान) में यूपीए शासन की तुलना में 4.5 गुना वृद्धि कर इस मद में दो लाख 35 हजार करोड़ से ज्यादा राशि दी गयी. इसी तरह डिवोल्यूशन ग्रांट में 3.5 गुना वृद्धि कर एक लाख 6 हजार करोड़ से बढ़ा कर 3 लाख 57 हजार करोड़ कर दिया गया.

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