Bihar News : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी दलों के विधायकों और विधान पार्षदों को आशवस्त किया है कि उनके क्षेत्र से संबंधित समस्याओं या सार्थक प्रश्नों का जरूर समाधान किया जायेगा. उन्होंने कहा विधानसभा के सत्र लंबे चलने चाहिये. बजट सत्र के अलावा दूसरे सत्रों की भी अवधि अधिक होनी चाहिए. यह भी जरूरी है कि सदस्य सत्र में शामिल हों.
सीएम ने कहा कि विपक्ष अपनी बातें कहें तो सता पक्ष को भी सुनें. हमारा लक्ष्य लोकतंत्र को मजबूत करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सही सुझावों को सरकार जरूर स्वीकार करेगी. साथ ही मिलकर विकास करने का आह्वान किया. यह बातें उन्होंने रविवार को विधानसभा के सेंट्रल हॉल में आयोजित शताब्दी समारोह का उद्घाटन करने के बाद कहीं.
समारोह के दौरान राजद, कांग्रेस, वामदल, एआइएमआइएम सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से यह मांग की थी कि भेदभाव किये बिना उनके सुझावों या क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान किया जाये. विधायकों की बातें अधिकारी नहीं सुनते, इस पर मुख्यमंत्री को सख्ती बरतना चाहिये.
इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि कई जनप्रतिनिधियों ने जो बातें कही हैं उन सब बातों पर गौर करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में जनता मालिक है. सभी विधायक जनता के प्रतिनिधि हैं और सरकार में बैठे लोग जनता के सेवक हैं. पक्ष या विपक्ष के सभी विधायक सरकार के अंग हैं.
सदन के सदस्यों का कर्तव्य है कि अपने क्षेत्र में हो रही समस्याओं के संबंध में जानकारी लेकर सदन की कार्यवाही में रखें और बाहर भी सार्वजनिक करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम विधायक और सांसद थे तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथियों के साथ मिलकर सदन में लोगों के हित की बात एकजुट होकर रखते थे. सरकार का दायित्व है कि जनप्रतिनिधियों की बातें सुनकर उसका समाधान करे. लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है. जनता की सेवा के लिए हम कमिटेड हैं.
विधानमंडल के सत्र की अवधि बढ़े- मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ सदस्यों ने चर्चा के दौरान विधानमंडल के सत्र की अवधि बढ़ाने की बात की है. इस संबंध में विधानसभा के अध्यक्ष और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मिलकर निर्णय लें जिससे कि सदन अधिक से अधिक दिनों तक चले. उस सत्र में सदस्य अधिक से अधिक सवाल सदन के समक्ष रख सकें और उसका समाधान हो सके.