नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार बुधवार को किया. इस कैबिनेट में 16 मंत्रियों ने राजद कोटे से शपथ लिया. जबकि जदयू के कोटे से 11 मंत्रियों ने पद और गोपनियता की शपथ ली है. कांग्रेस कोटा से मुरारी गौतम और आफाक आलम ने शपथ लिया. साथ ही, जीतन राम मांझी की पार्टी से एक नेता को मंत्री पद दिया गया है. मगर सबसे बड़ी बात ये है कि वर्तमान मंत्री परिषद को करोड़पतियों की कैबिनेट कहा जाए तो गलत नहीं होगा. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के एक सर्वे के मुताबिक इस मंत्री मंडल में 84 प्रतिशत मंत्री करोड़पति है.
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार राजद के कोटे से 17 मंत्री वर्तमान विधानसभा में हैं. इसमें से 16 मंत्रियों की दौलत करोड़ों रूपये में है. जबकि एक मंत्री लखपति है. वहीं जदयू कोटे से परिषद में शामिल 11 में से 9 मंत्री करोड़पति है. यानि जदयू के 82 प्रतिशत मंत्री करोड़पति है. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के कोटे से एक मात्र मंत्री बने संतोष कुमार सुमन भी करोड़पति ही हैं. वहीं, निर्दलीय सुमित कुमार सिंह की संपत्ति भी करोड़ों की है. नीतीश कुमार की सरकार के 32 में से 27 मंत्रियों की दौलत करोड़ों में है. उससे भी बड़ी बात ये है कि मंत्री मंडल में शामिल कांग्रेस के दोनों मंत्रियों की संपत्ति करोड़ से काफी कम है.
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बिहार कैबिनेट के 32 मंत्रियों के पास औसत 5.82 करोड़ रूपये की संपत्ति है. वहीं राजद के 17 मंत्रियों की औसत संपत्ति जदयू के मंत्रियों से भी ज्यादा है. राजद के मंत्रियों के पास 7.59 करोड़ रूपये की औसत संपत्ति है. जबकि जदयू के मंत्रियों के पास औसत 4.55 करोड़ रूपये की संपत्ति है. इस मंत्रीमंडल में सबसे अमीर मंत्री मधुबनी के विधायक समीर कुमार महासेठ हैं. उनकी संपत्ति 24.45 करोड़ रूपये की है. जबकि मंत्री मंडल में शामिल सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री चेनारी के कांग्रेस विधायक मुरारी प्रसाद गौतम हैं.