नीतीश कुमार बिहार में एनडीए से अलग हो गए. बीजेपी से उन्होंने अपना गठबंधन तोड़ लिया है. आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद से शुरु हुई सियासी हलचल मंगलवार दोपहर होते-होते साफ हो गई. दरअसल, सियासी हलचल भले ही कुछ दिन पहले शुरु हुई थी. लेकिन, इसकी कहानी तो ईद मिलन के साथ लिखी जाने लगी थी.
ईद के दिन सीएम नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक साथ दिखे थे. इस तस्वीर में सीएम नीतीश और लालू परिवार के बीच दिखी ‘ट्यूनिंग’ की खूब चर्चा हुई थी. इसको लेकर मीडिया कयास भी लगाए गए. लेकिन, तब दोनों ने इसका खंडन किया. ईद के दिन दिखी वो तस्वीर मुहर्रम के दिन बिहार की हकीकत बन गई है. जनवरी में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने दावा किया था कि बिहार की मौजूदा सरकार गिर जाएगी. उन्होंने कहा था कि उनकी नीतीश कुमार से ‘गुप्त वार्ता’ हुई है. उन्होंने यह दावा इफ्तार पार्टी के बाद किया था.
पटना में जेडीयू के विधायक और सांसदों की जब मंगलवार को बैठक हुई तो बैठक में 25 विधायकों ने एक साथ बीजेपी का साथ छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी (BJP) को JDU की जरूरत थी, तब वह उनके साथ दिखी. लेकिन जब विधानसभा चुनाव का मौका आया तब भाजपा ने JDU के हरेक उम्मीदवार को हराने के लिए षड्यंत्र रचा. इस लिए हम लोगों को बीजेपी का साथ छोड़ देना चाहिए. विधायकों की इस मांग का तमाम विधायकों और सांसदों ने दोनों हाथ उठाकर समर्थन किया. इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने तय कर लिया कि अब भाजपा के साथ गठबंधन में नही रहेंगे.