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दूसरे राज्य के लोगों को बाहरी कहने पर नीतीश कुमार को आपत्ति, बोले- खुशी की बात है कि बिहार दे रहा सबको नौकरी

उन्होंने कहा कि जो लोग आरोप लगा रहे हैं कि बाहरी लोगों को नौकरी देने से बिहार के लोगों की हकमारी हो रही है, तो उन्हें पता होना चाहिए कि बिहार के कितने ही लोग दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे हैं. यह तो खुशी की बात है कि दूसरे राज्यों से लोग बिहार आकर यहां के स्कूलों में पढ़ाएंगे.

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में बिहार के नवनियुक्त शिक्षकों के बीच नियुक्त पत्र का वितरण किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शिक्षक नियुक्ति में देश के अन्य राज्यों के लोगों को मिले अवसर पर विरोधियों को दो टूक जवाब दिया है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यह तो खुशी की बात है कि आज देश भर के लोग बिहार नौकरी करने के लिए आ रहे हैं. यूपी जैसे पड़ोसी राज्य हो या फिर महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्य सभी जगहों से लोग बिहार में नौकरी पाने के लिए आ रहे हैं. नीतीश कुमार ने राज्यों का नाम गिनाते हुए कहा कि केरल जैसे सूदूर राज्यों से भी नौकरी के लिए लोग आज बिहार की ओर आ रहे हैं. निश्चित तौर पर ये बिहार के लिए एक अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि जो लोग आरोप लगा रहे हैं कि बाहरी लोगों को नौकरी देने से बिहार के लोगों की हकमारी हो रही है, तो उन्हें पता होना चाहिए कि बिहार के कितने ही लोग दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे हैं. यह तो खुशी की बात है कि दूसरे राज्यों से लोग बिहार आकर यहां के स्कूलों में पढ़ाएंगे.

दूसरे राज्यों के लोगों को बाहरी कहना गलत

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो कई जगह घूमते रहते हैं, बिहार का लोग भी बाहर रहता है. जब यहां हमलोग कुछ दूसरे राज्यों के लोगों को बहाल किए हैं तो कुछ-कुछ कह रहे हैं. पहले नहीं आलोचना करता था. बिहार क्या देश से बाहर है, पूरा देश एक है. बिहार के लोग भी बाहर जाकर नौकरी करते हैं. कहा जा रहा है कि बिहार के लोगों के साथ अन्याय होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा. उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के लोग बाहर भी नौकरी कर रहा है, लेकिन सबलोग ऐसे ही बोलते रहते हैं. बिहार में शिक्षक की नौकरी पाने वाले लोगों में केरल, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, असम, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा समेत की राज्यों के लोग शामिल हैं. ये तो खुशी की बात है कि दूसरे राज्यों के लोग कहां कहां से बिहार आ रहे हैं. दूसरे राज्यों के लोग यहां के स्कूलों में पढ़ाएंगे ये तो खुशी की बात है. उन्हें बाहरी कहना गलत है. वो भी भारत के ही लोग हैं और बिहार भी भारत में ही है. हम सभी एक देश के नागरिक हैं. जो लोग सवाल उठा रहे हैं कि बाहरी लोगों की बहाली हुई है, उनको पता है सब दिन से कोई भी बहाली होती है तो देशभर के लोगों को मौका दिया जाता है. बिहार के लड़के लड़कियों को दूसरे राज्यों में कितनी नौकरी मिलती है.

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मीडिया से फिर जतायी नाराजगी

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में एक लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. पटना में कम संख्या में कार्यक्रम आयोजित काया गया है, लेकिन अन्य जिलों में भी नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया है. देश के अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में बड़े पैमाने पर नियुक्ति की गई है. जितने बड़े पैमाने पर बिहार में नियुक्ति हुई है, उतने बड़े पैमाने पर कही भी नियुक्ति नहीं हुई है. ये बात याद रखिएगा, खासकर मीडिया के लोगों को कहेंगे कि इस बात को याद रखिएगा. उन्होंने कहा कि अभी केवल 50 हजार हुआ तो कितना छपा और हमलोग इतना भारी संख्या में कर रहे हैं तो थोड़े छपेगा. भले मत छापिए, लेकिन बातवा तो जान लीजिए कि कितने बड़े पैमाने पर बहाली हो रहा है. 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली के लिए हुई परीक्षा में करीब 8 लाख शिक्षकों ने भाग लिया. परीक्षा में सभी सफल नहीं हो सके तो सिर्फ 88 फीसदी शिक्षकों की ही बहाली हो सकी है. आजकल मीडिया जिसकी पब्लिसिटी कर रही है, वही लोग आलोचना कहते हैं और कहते हैं कि बिहार के बाहर वालों को बुलाकर नौकरी दे रहे हैं.

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