बिहार के सरकारी स्कूलों से लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे नियोजित शिक्षकों (भगोड़े) पर शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई करने जा रहा है. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह को पत्र लिखकर भगोड़े शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है, ताकि ये शिक्षक राज्य कर्मचारी न बन सकें. शिक्षा विभाग ने सख्त निर्णय लेने के लिए जिलावार फरार शिक्षकों की सूची पंचायती राज विभाग को सौंप दी है.
नियोजन इकाइयों ने नहीं की कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने पंचायती राज विभाग को भेजे गये पत्र में साफ किया है कि गंभीर मामलों में निलंबन / बर्खास्तगी की कार्रवाई की अनुशंसा करने के बाद भी नियोजन इकाइयों की तरफ से नियोजित शिक्षकों के खिलाफ कोई विशेष कार्रवाई नहीं की गयी है. उन्होंने साफ किया कि अब नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनना है. इनकी सक्षमता परीक्षा ली जा रही है. इसलिए ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करनी होगी.
भगोड़े शिक्षकों पर कार्रवाई का निर्देश
केके पाठक ने पंचायती राज विभाग के एसीएस सिंह से आग्रह किया कि लंबे समय से बिना बताये स्कूलों से नदारद रहे भगोड़े शिक्षकों पर तत्काल कार्रवाई करनी होगी. लिहाजा आग्रह है कि पंचायती राज विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारियों से संबंधित मामलों की समीक्षा कर भगोड़े शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
महीनों से अनुपस्थित हैं सैकड़ों शिक्षक
एसीएस केके पाठक की तरफ से भेजे गये पत्र के मुताबिक सैकड़ों की संख्या में नियोजित शिक्षक बिना सूचना के महीनों से अनुपस्थित हैं. ऐसे शिक्षकों को दो भागों में विभाजित किया गया है. पहले वे नियोजित शिक्षक हैं जो छह माह से कम अवधि से गायब हैं. ऐसे नियोजित शिक्षकों की संख्या अच्छी खासी है. हालांकि पंचायती राज विभाग के पदाधिकारियों ने अब तक केवल 34 शिक्षकों को ही निलंबित किया है.
दो साल से अधिक समय से गायब हैं कई शिक्षक
दूसरे प्रकार के भगोड़े वे नियोजित शिक्षक हैं जो छह माह से अधिक समय से नदारद हैं. ऐसे भगोड़े नियोजित शिक्षकों की कुल संख्या 582 है. इनमें से कई तो दो साल से अधिक समय से गायब हैं. खास बात यह है कि इनमें से नियोजन इकाइयों ने इसमें से केवल 13 शिक्षकों की ही बर्खास्तगी की . ऐसे निलंबित शिक्षकों की संख्या केवल 10 है.
नियोजित शिक्षकों की हो रही मॉनिटरिंग
अपर मुख्य सचिव पाठक ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले छह माह से नियोजित शिक्षकों की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. अनियमितताओं के आलोक में शिक्षा अधिकारियों ने विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई की गयी. जैसे कि बिना स्वीकृति के अनुपस्थित रहने पर काफी शिक्षकों के वेतन काटे गए हैं.