पटना. देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना 5वां और देश का 75वां बजट पेश किया हैं. आम बजट को लेकर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार को इस आम बजट से कोई भी उम्मीद नहीं थी. बिहार को कुछ मिला भी नहीं है. तेजस्वी यादव ने कहा कि 2014 में केंद्र की भाजपा सरकार ने कहा कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी करेंगे. 2022 में सबको आवास देंगे. 2022 तक 80 करोड़ लोगों को नौकरी-रोजगार देंगे. अब 2023 भी आ गया, लेकिन इनकी जुमलेबाजी की आदत नहीं गयी. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा को 100 प्रतिशत सांसद देने वाले बिहार को भाजपाइयों ने बजट में फिर ठगा.
भाजपा के लोगों ने शुरू से ही बिहारियों को ठगने का काम किया है. उन्होंने राज्य और देश वासियों से कई वादे किये , लेकिन किसी को भी पूरा नहीं किया. इसलिए अब किसी को भी बजट से कोई उम्मीद नहीं रहा है. तेजस्वी ने कहा कि पहले रेल बजट अलग होता था, तो लोग बड़ी उम्मीद के साथ इसे देखते थे, लेकिन अब तो बजट को छोटा किया जा रहा है. पहले सरकार काफी बारीकी से लोगों को अपनी कार्य योजना के बारे में बताती थी. लेकिन, वतर्मान में महंगाई, बेरोजगारी बेतहासा बढ़ गयी है. बजट में इसको रोकने के लिए कोई विजन नहीं दिखा. वित्तमंत्री ने नहीं बताया कि इन समस्याओं से सरकार कैसे आम लोगों की मदद करेगी.
तेजस्वी ने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार राज्यों को विशेष रूप से सहायता करती थी. अब वह सहायता साल दर साल कम होती जा रही है. केंद्र सरकार राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने के बदले राज्य को बाजार के हवाले करने का काम कर रही है. रेलवे समेत कई क्षेत्रों में निजी भागीदारी बढ़ाने का किया गया है. इससे सरकारी नौकरियों में और कमी आयेगी. बिहार सरकार की सभी योजनाओं में केंद्र सरकार के पैसे को खर्च कर रही है, मगर राज्य के ऊपर केंद्र द्वारा अधिक भार बढ़ाया गया है. प्रधानमंत्री देश की जनता के साथ 8 वर्षों में कई तरह के वादे किये हैं, मगर कितना वह पूरा हुआ है. यह जनता भी जानती है.
तेजस्वी ने कहा कि भाजपा धर्म की राजनीति से ध्यान भटका कर संविधान खत्म कर रही है. नाम बदलने के अलावा इन्होंने कुछ किया? इससे किसे रोजी-रोटी मिली? बिहार के लोगों को ठगने की कोशिश की गई है. मध्यम वर्ग महंगाई से परेशान है. टैक्स में छूट आंखों में धूल झोंकने के बराबर है. उन्होंने कहा कि ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है। केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए. किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है. यूपीए की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था क्या इस सरकार ने दिया?