13.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार की तैयारियां शुरू, समय से होंगे पैक्सों में चुनाव, 54 हजार नए सदस्य लेंगे भाग

PACS Election In Bihar: बिहार में पैक्सों (प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटी) के चुनाव समय से होंगे. इसे लेकर बिहार सरकार की सारी तैयारियां तेजी से की जा रही हैं. बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार अपने स्तर से भी पैक्सों के चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दिया है.

PACS Election In Bihar: बिहार में पैक्सों (प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटी) के चुनाव समय से होंगे. इसे लेकर बिहार सरकार की सारी तैयारियां तेजी से की जा रही हैं. बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार अपने स्तर से भी पैक्सों के चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दिया है. राज्य में 8 हजार 463 पैक्स हैं. इनमें ज्यादातर पैक्सों का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है.

सभी पैक्सों में कुल एक करोड़ 40 लाख सदस्य हैं. सहकारिता और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि पैक्सों में चुनाव समय से कराये जाएंगे. पैक्सों के चुनाव समय पर कराने को लेकर विभागीय स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. वैसे 54 हजार और नये पैक्स सदस्य बने हैं, जो चुनाव प्रक्रिया में पहली बार भाग लेंगे.

साढ़े सात हजार पैक्सों में नवंबर में होगा चुनाव (PACS Election 2024)

सहकारिता विभाग के स्तर से करीब साढ़े सात हजार पैक्सों में नवंबर में चुनाव कराने की तैयारी हो रही है. इसी हिसाब से बिहार राज्य चुनाव प्राधिकार भी आवश्यक तैयारियों में जुटा है. प्राधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक साढ़े सत्रह सौ से ज्यादा पैक्सों से चुनाव कराने का प्रस्ताव आ चुके हैं. वैसे प्राधिकार की ओर से पैक्सों में चुनाव कराने का प्रस्ताव जून में ही मांगा गया था.

ये भी पढ़ें: सक्षमता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षक अब होंगे राज्यकर्मी, काउंसलिंग शेड्यूल जल्द होगा जारी

ज्यादातर पैक्सों में मतदाता सूची नहीं है तैयार

ज्यादातर पैक्सों से चुनाव प्रस्ताव में विलंब की वजह मतदाता सूची तैयार नहीं हो पाना बताया जा रहा है. पैक्सों की सदस्यता के मामले में यह पेच भी है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी और प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी द्वारा बने पैक्स सदस्यों की सदस्यता की समीक्षा करने का आदेश पटना उच्च न्यायालय ने दे रखा है. इस आदेश के विरुद्ध कुछ पैक्स अध्यक्ष सर्वोच्च न्यायालय की शरण में चले गए हैं.

ऐसे पैक्सों का मानना है कि पैक्सों में जितने भी सदस्य बने हैं, उसकी समीक्षा गैरजरूरी है. इधर, सहकारिता विभाग की ओर से उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में विधि विभाग से कानूनी सलाह ली जा रही है.

दरअसल, सदस्यता विवाद पैक्स पर कब्जे की लड़ाई से भी जुड़ा हुआ है. सदस्य ही पैक्स चुनाव में भाग लेते हैं, इसलिए चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थक को सदस्य बनाते हैं क्योंकि पैक्स के अध्यक्ष के पास सदस्य बनाने का अधिकार होता है. इसलिए वो अपने समर्थकों के सदस्यता आवेदन को प्राथमिकता देते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें