पटना. लोकसभा व विधानसभा चुनावों की तरह ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को शपथपत्र में अपनी संपत्ति का खुलासा करना होगा. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार पंचायत चुनाव के हर प्रत्याशी को अपने शपथपत्र के साथ कई दस्तावेज देने होंगे. इसमें अपनी, पति व पत्नी और आश्रितों की संपत्ति का विवरण देना होता है.
इसमें अचल संपत्ति के अंतर्गत कृषि भूमि, शहरी भूमि, भवन की स्थिति, माप और वर्तमान बाजार मूल्य का विवरण दिया जाना है. चल संपत्ति में नकद, बैंक बैलेंस, फिक्स डिपोजिट, बांड, शेयर, वाहन और आभूषणों का विवरण दिया जाना है.
साथ ही पति व पत्नी के साथ आश्रितों के दायित्वों और वित्तीय संस्थानों के बकाया का पूर्ण विवरण दिया जाना है. साथ ही प्रत्याशियों को अपनी शैक्षणिक योग्यता के साथ ही आपराधिक मामलों की भी जानकारी दी जानी है.
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी का कहना है कि विधानसभा व लोकसभा के तर्ज पर पंचायती राज प्रतिनिधियों द्वारा अपनी संपत्ति को घोषित करने से सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता आयेगी.
निर्वाचित होने के बाद शपथपत्र में कोई गड़बड़ी पायी जाती है, तो उसके खिलाफ आयोग सख्त कार्रवाई भी कर सकता है. उन्होंने कहा कि पांच सालों में हर पंचायत को विकास के लिए करीब पांच करोड़ रुपये सरकार भेजती है.
पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में वार्ड सदस्य, पंच, मुखिया, पंचायत समिति और जिला पर्षद सदस्यों की भागीदारी भी निर्धारित कर दी गयी है. ऐसे में पंचायती राज के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए आवश्यक हो गया है कि वह अपनी सार्वजनिक संपत्ति की घोषणा करें.
Posted by Ashish Jha