23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चाचा-भतीजा के बीच लड़ाई सुलझाने के लिए Ram Vilas Paswan ने क्या सुझाया था समाधान? सवाल सुनते ही भड़के पशुपति पारस…PC छोड़कर निकले

Pashupati Kumar Paras Latest News: लोजपा सांसद व रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस गुरुवार को पार्टी के बागी गूट के निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिये गये. पारस गुट की ओर से अध्यक्ष पद ग्रहण करने के बाद उन्होंने दल से नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं से हाथ जोड़ कर माफी मांगी. पारस ने कहा कि जब वो केंद्र में मंत्री बनेंगे तो संसदीय दल के नेता का पद छोड़ देंगे. वहीं पत्रकारों की ओर से सवाल पूछने पर पशुपति पारस भड़क गए और प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर भाग गए.

लोजपा सांसद व रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस गुरुवार को पार्टी के बागी गूट के निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिये गये. पारस गुट की ओर से अध्यक्ष पद ग्रहण करने के बाद उन्होंने दल से नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं से हाथ जोड़ कर माफी मांगी. पारस ने कहा कि जब वो केंद्र में मंत्री बनेंगे तो संसदीय दल के नेता का पद छोड़ देंगे. वहीं पत्रकारों की ओर से सवाल पूछने पर पशुपति पारस भड़क गए और प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर भाग गए.

मीडिया के सवाल पर भड़क उठे पारस

पशुपति कुमार पारस की पीसी मात्र दस मिनट चली. इस दौरान सबसे पहले चुनाव अधिकारी सूरजभान सिंह ने एक पर्चा पढ़ कर सुनाया. इसमें बताया गया कि कार्यकारिणी की बैठक में चुनाव प्रक्रिया कैसे पूरी की गयी. मात्र दस मिनट में बात पूरी करने के बाद उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देना शुरू किया. एक दो सवाल के बाद ही पारस तल्ख हो गये.

उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि ऊलूल -जुलूल बात मत कीजिए. वहीं मीडिया ने उनसे सवाल किया कि अाप बता रहे हैं कि रामविलास पासवान ने उन्होंने बताया है कि जब अमीर-गरीब की लड़ाई हो तो गरीब का साथ देना चाहिए, तो क्या उन्होंने यह भी बताया है कि जब चाचा-भतीजा में लड़ाई हो तो क्या करना चाहिए? इस सवाल पर पारस बिफर गये और कहा कि आपका प्रश्न नाजायज है.

रामविलास पासवान ने बताया है कब क्या करना- पारस ने कहा कि पार्टी की स्थापना 28 नंवबर, 2000 में हुई थी. अब इसके 21 वर्ष बीच चुके हैं. पार्टी में कोई भी मतभेद या मनभेद नहीं है. अगर मतभेद होता तो मैं निर्विरोध अध्यक्ष नहीं चुना जाता. पारस ने आगे कहा कि मेरे बड़े भाई रामविलास पासवान का सपना था कि शोषित, दलित, गरीब, पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अकलियत और उंची जाति में भी आर्थिक सामाजिक शैक्षिणिक रूप से पिछड़े लोगों के उत्थान के लिए काम हो. वो कहा करते थे कि गरीब-अमीर में जब लड़ाई हो तो गरीब का, पुरुष-स्त्री में स्त्री का और हिंदू -अकलियत में अकिलियत का साथ देना चाहिए.

वहीं पीसी में मीडिया के सवालों को जवाब देते हुए पशुपति कुमार पारस कई बार नाराज गये. चिराग पासवान की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर रहने के दावे पर उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई आजीवन राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं रहता. जैसे देश संविधान से चलता है. वैसे ही पार्टी भी संविधान से चलती है. चिराग को पद से हटाने के सवाल पर खींझते हुए पारस ने कहा कि भतीजा तानाशाह हो जाये तो चाचा क्या करेगा? यहां प्रजातंत्र है कोई आजीवन अध्यक्ष नहीं रह सकता. वहीं उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी गृह युद्ध की बात नहीं की है. पार्टी में कोई मतभेद नहीं है

Also Read: Chirag Paswan को हटाने के लिए की थी वन पोस्ट-वन पर्सन की मांग, अब खुद पशुपति पारस LJP में इन पदों पर हो गए काबिज

Posted By : Avinish Kumar Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें