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बिहार: यूरिन बैग की जगह स्प्राइट की बोतल, जमुई सदर अस्पताल में ट्रेन से गिरे जख्मी का जुगाड़ से किया इलाज

Bihar News: जमुई सदर अस्पताल में ट्रेन से गिरकर जख्मी हुए एक मरीज को यूरिन बैग की जगह स्प्राइट की बोतल लगा दी गयी. जब इसकी तस्वीर वायरल होने लगी तो आनन-फानन में यूरीन बैग लगाया गया. इमरजेंसी कक्ष में वे कई दवाओं का अभाव दिखा.

बिहार सरकार सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने में लगी है. स्वास्थ्य मंत्री सह उपमुख्यमंत्री के द्वारा मिशन 60 तथा मिशन क्वालिटी सहित अन्य योजनाओं को चलाया जा रहा है. इसके बावजूद जमुई जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हो गयी है. वैसे तो सदर अस्पताल अक्सर चिकित्सक के गायब रहने व स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी को लेकर चर्चा में बना रहता है, पर सोमवार की देर रात स्वास्थ्य कर्मियों ने तो लापरवाही की हद पार कर दी. दुर्घटना में घायल हुए एक मरीज को यूरिन बैग की जगह स्प्राइट की बोतल लगा दी.

यूरिन बैग की जगह स्प्राइट का बोतल लगाया

इस बदहाल व्यवस्था की तस्वीर भी सामने आयी है. जिसमें साफ दिख रहा है कि मरीज को यूरिन बैग की जगह स्प्राइट की बोतल लगा दी गयी है. दरअसल सोमवार की देर रात झाझा रेल पुलिस ने ट्रेन से गिरकर घायल हुए एक अज्ञात व्यक्ति को सदर अस्पताल लाया. इलाज के दौरान चिकित्सक ने उक्त व्यक्ति को यूरिन बैग लगाने का निर्देश स्वास्थ्य कर्मियों को दिया, लेकिन यूरिन बैग उपलब्ध नहीं रहने के कारण स्वास्थ्य कर्मियों ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर मरीज को बैग की जगह स्प्राइट की बोतल लगा दी. जब कैमरा चमका तो स्वास्थ्य कर्मी ने इमरजेंसी कक्ष में यूरिन बैग नहीं होने की बात कही.

बेड पर ही बेहोशी की हालत में छटपटाता रहा मरीज

चिकित्सक ने उक्त मरीज को इप्सोलिन इंजेक्शन के साथ गैस की सूई देने का स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया था, लेकिन दवा इमरजेंसी कक्ष में उपलब्ध नहीं थी. नतीजतन स्वास्थ्य कर्मी ने दवा व सूई नहीं दी. इस कारण रात भर मरीज बेड पर ही बेहोशी की अवस्था में छटपटाता रहा. इतना ही नहीं कई मरीजों को भी गैस की सूई नहीं दी गयी. जब अस्पताल प्रबंधक को देर रात फोन किया गया तो उन्होंने फोन तक उठाना मुनासिब नहीं समझा. मंगलवार की सुबह अस्पताल प्रबंधक ने यूरिन बैग सहित अन्य दवाओं का स्टॉक इमरजेंसी कक्ष भेजा, तब जाकर मरीज को यूरिन बैग सहित अन्य दवा दी गयी.

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कहते हैं अस्पताल प्रबंधक

अस्पताल प्रबंधक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि मंगलवार की सुबह जैसे ही इस बात की सूचना मिली, तो अविलंब यूरिन बैग इमरजेंसी कक्ष भेजकर स्प्राइट की बोतल को हटवाया. इसके साथ ही अन्य जरूरी दवाओं को इमरजेंसी कक्ष भेजा गया है. उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही की बात स्वीकार करते हुए कहा कि जांच कर कार्रवाई की जायेगी. बताया कि सदर अस्पताल में सभी प्रकार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, चिंता की कोई बात नहीं है. सभी आवश्यक दवा सदर अस्पताल में उपलब्ध है.

ट्रेन से गिरकर बुजुर्ग घायल, रेफर

इधर झाझा रेलवे स्टेशन के समीप एक बुजुर्ग ट्रेन से गिरकर घायल हो गये. उसे आरपीएफ व जीआरपी के जवानों ने रेफरल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉ नवाब ने प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया. थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि सूचना मिली कि एक बुजुर्ग अज्ञात ट्रेन से गिरकर घायल हो गये हैं. तभी जवानों के सहयोग से घायल को रेफरल अस्पताल पहुंचाया. घायल बुजुर्ग बातचीत करने में असमर्थ थे. उनके पास किसी तरह की कोई पहचान पत्र भी नहीं मिला. इसलिए उनकी पहचान नहीं हो पायी है. पुलिस घायल बुजुर्ग की पहचान के लिए प्रयासरत है. फिलहाल उनका इलाज सदर अस्पताल में जारी है.

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