अनुपम कुमार, पटना. मॉनसून की पहली बारिश के साथ ही शहर की हवा में मौजूद धूल कण और प्रदूषणकारी गैस इस हद तक उसमें धुल गये कि शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से भी नीचे पहुंच गया. स्वास्थ्य की दृष्टि से ऐसी वायु बहुत अच्छी मानी जाती है और पटना जैसे शहर में कभी कभार ही ऐसा सुखद संयोग आता है, जब एक्यूआइ 50 के नीचे आता है.
पटना के चार में से दो वायु गुणवत्ता मॉनीटरिंग स्टेशन समनपुरा और राजवंशी नगर का डाटा साेमवार को समीर वेबसाइट पर उपलब्ध था. इसमें राजवंशीनगर का एक्यूआइ केवल 31 था, जबकि समनपुरा का 65 और दोनों मिला कर पटना का औसत एक्यूआइ केवल 48 रहा.
यह इसलिए और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि आमतौर पर पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 से 300 के बीच रहता है. लॉकडाउन के दौरान सड़क पर वाहनों की संख्या में 85-90 फीसदी कमी हो गयी थी और उसी अनुपात में सीओ, एसओटू जैसे प्रदूषणकारी गैसों में भी कमी आयी थी, इसके बावजूद एयर क्वालिटी इंडेक्स 111 से कम नहीं हुआ था.
गैस न्यूनतम औसत अधिकतम
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पीएम2.5 22 32 49
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सीओ 14 18 20
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एनएच3 4 4 4
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एनओ2 14 17 20
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एसओटू 2 4 8
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ओजोन 46 65 80
नोट : आंकड़े सोमवार शाम 6 बजे के हैं.
इसकी वजह गर्मी का मौसम होने के कारण सड़क पर उड़ने वाले धूलकणों की मात्रा बहुत अधिक होना था, जिससे हवा में पीएम10 और पीएम 2.5 की मात्रा निर्धारित मानकों से कई गुणा तक अधिक थी और किसी किसी मॉनीटरिंग स्टेशन के आसपास तो यह 400 के आसपास भी पहुंच जाती थी. लेकिन माॅनसून की पहली बारिश में हर जगह की मिट्टी भीग गयी है और कई जगह तो जलभराव भी है.
ऐसे में धूलकणों की मात्रा में बहुत कमी आयी है, जिसने पूरी स्थिति को बदलकर रख दिया है और सड़क पर तीन-चार लाख वाहन दौड़ने के बावजूद पिछले 24 घंंटे से राजधानी का पर्यावरण बहुत हद तक स्वच्छ है.
Posted by Ashish Jha