जहानाबाद के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के बेटे और बेटी की कंपनी पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को 1600 करोड़ रुपये के एंबुलेंस का ठेका दिये जाने संबंधी सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका शनिवार को मंजूर कर ली गयी. जस्टिस पीबी बजंत्री की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है. बीभीजे इंडिया लिमिटेड व अन्य बिल्डर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया. अब राज्य सरकार को शपथ पत्र दायर कर यह बताना होगा कि जहानाबाद के सांसद के बेटे की कंपनी को किस आधार पर 1600 करोड़ रुपये के एंबुलेंस संचालन का ठेका मिला है.
हाईकोर्ट में बहस के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी दलील दी. याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता एस डी संजय ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने टेंडर जारी करते वक्त जो अर्हता निर्धारित की थी, उसे बाद में बदला नहीं जा सकता है. साथ ही किसी ऐसी एजेंसी जो पहले की अर्हता की वजह से निविदा में भाग नहीं ले सकती थी, उनके लिए अर्हता में बदलाव करके उन्हें निविदा में शामिल नहीं किया जा सकता है.
याचिकाकर्ता के पक्ष को रखते हुए एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि सांसद पुत्र को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा की शर्तों का उल्लंघन करते हुए पांच साल के लिए समझौता किया गया, लेकिन सरकार को नुकसान पहुंचाते हुए सिर्फ़ एक साल के लिए जमा की जाने वाली प्रतिभूति रकम ही ली गयी है. इसके बाद कोर्ट ने सरकारी वकील को कहा कि वह छह सप्ताह में हलफनामा दायर कर सभी बातों को कोर्ट में पेश करें.
पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को 1600 करोड़ रुपये के एंबुलेंस का ठेका पांच साल के लिए दिया गया है. जिनको यह टेंडर नही मिला, वे लोग कोर्ट गये और मामला कोर्ट में सुनवाई के लिए लाया गया.
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जहानाबाद के सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने बताया कि 2017 से इस कंपनी को ठेका मिला है. मेरा इससे कुछ लेना देना नहीं है. मेरे परिवार के लोग इसमें डायरेक्टर हैं. क्या राजनीति में रहे लोगों के परिवार के लोग व्यापार में नहीं आ सकते हैं.