Patna High Court On BPSC: पटना हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती परीक्षा (प्रथम चरण) को लेकर बड़ा फैसला सुनाते हुए बीपीएससी को टीआरई-1 का पूरक परिणाम जारी करने का आदेश दिया है. न्यायाधीश नानी तागिया द्वारा धीरेंद्र कुमार समेत 100 अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई कर निर्णय सुरक्षित रखा गया था. जिसे गुरुवार को सुनाया गया.
कोर्ट ने बीपीएससी को यह निर्देश दिया है कि विज्ञापन संख्या 26/2023 के तहत ली गई परीक्षा का जल्द से जल्द पूरक परिणाम जारी करे. जिसके बाद अभ्यर्थियों में खुशी का माहौल है.
याचिकाकर्ताओं ने याचिका में क्या कहा?
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए बीपीएससी द्वारा प्रकाशित योग्यता अंक प्राप्त किया, लेकिन बीपीएससी द्वारा निर्धारित जन्मतिथि की कट-ऑफ के कारण उनका नाम मेरिट सूची में शामिल नहीं किया गया था.
इसमें याचिकाकर्ता चयनित उम्मीदवारों की तुलना में उम्र में कम थे, लेकिन सामान्य विषय श्रेणी के तहत विज्ञापित 67,066 पदों के खिलाफ, प्राथमिक शिक्षक के पदों को भरने के लिए बीपीएससी द्वारा केवल 62,653 उम्मीदवारों का चयन किया गया.
पूरक परिणाम को लेकर दायर की थी याचिका
याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि प्राथमिक शिक्षक की 4619 रिक्तियां उत्पन्न हुई हैं बीपीएससी को रिक्तियों को भरने के लिए पूरक/अतिरिक्त चयन सूची प्रकाशित करनी चाहिए थी. इसके बाद आयोग ने कहा कि बची सीटों को दूसरे चरण में शिक्षकों की रिक्तियां भरी जाएंगी.
आयोग के इस निर्णय के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई. इस मामले में याचिकाकर्ताओं का पक्ष वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरि एवं अधिवक्ता प्रणव कुमार ने रखा.
हाइकोर्ट का निर्देश…
सभी पक्षों को सुनने के बाद हाइकोर्ट ने शिक्षा विभाग को यह भी निर्देश दिया है कि वे अपेक्षित योग्यता के अभाव में विज्ञापन संख्या 26/2023 के अनुसार कक्षा एक से चार के लिए प्राथमिक शिक्षक के रूप में बीपीएससी द्वारा अनुशंसित उम्मीदवारों की नियुक्ति न किए जाने के कारण उत्पन्न रिक्तियों की संख्या की भी पहचान कर बीपीएससी को सूचित करे.