पटना नगर निगम कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के बैनर तले बुधवार काे अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर पटना नगर निगम के चतुर्थ वर्गीय कर्मियों ने मौर्यालोक मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए समन्वय समिति के नेताओं ने कहा कि आज के प्रदर्शन से हम नगर निगम प्रशासन को ये चेतावनी दे रहे हैं कि समस्या का अविलम्ब समाधान नहीं हुआ तो निगमकर्मी कभी भी हड़ताल पर जा सकते हैं.
समन्वय समिति के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि एक तरफ सरकार अपने को दलित का हितैषी कहती है और दूसरी तरफ उन्हीं दलित को अपने मांग के लिये लगातार संघर्ष करना पड़ता है. नगर निगम चतुर्थ वर्गीय कर्मियों में 90 प्रतिशत दलित ही हैं. नगर विकास विभाग ने चतुर्थवर्गीय पद को ही समाप्त कर दिया यानी सफाई मजदूर को सरकारी कर्मचारी बनने देने की मंशा नहीं है.
प्रवक्ता जितेन्द्र कुमार ने कहा कि आऊट सोर्स व्यवस्था की निगम से समाप्ति जरुरी है क्योंकि यह लूट खसोट का जरिया है. इसका प्रमाण पटना नगर निगम आयुक्त द्वारा साढ़े ग्यारह सौ फर्जी कर्मियों का पकड़ा जाना है. एजेन्सी को हटकर निगम कर्मियों को वसूली के लिए लगाया गया तो साढ़े 23 सौ करोड़ की जगह साढे 28 सौ करोड़ टैक्स वसूल दिया.
संयोजक मंगल पासवान ने कहा कि समस्या दैनिक मजदूरों, एजेन्सी के कर्मियों, स्थायी कर्मियों सभी की है और लड़ाई में सभी एक साथ हैं. समान काम का समान वेतन न्यायालय का ही आदेश है, फिर भी सरकार इस मामले में दोरंगी नीति अपना रही है.
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कोषाध्यक्ष नीरज कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार और नगर निगम प्रशासन जो भी दमनात्मक नीति अपनायेगी, हम उतनी ही मजबूती से उसके दमन का सामना करेंगे और पुरजोर तरीके से संघर्ष करेंगे. 30 जुलाई को पटना में होने वाले बिहार लोकल बॉडिज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के कन्वेंशन में पटना नगर निगम के भी प्रतिनिधि भाग लेंगे.
प्रदर्शन के दौरान सारे निगमकर्मियों ने एक स्वर से शपथ लिया कि इस बार के आंदोलन में वे प्रशासन की लाठी का सामना करने से लेकर जेल जाने तक को तैयार हैं.